अल्मोड़ा: 10 साल में हत्थे चढ़ा हत्यारोपी, मुम्बई से पकड़ लाई एसटीएफ

✍️ दोस्त की हत्या कर हुआ था फरार, 20 हजार का इनाम था घोषित ✍️ नाम, भेष और ठिकाना बदल—बदल कर बचता रहा, जेल भेजा…

10 साल में हत्थे चढ़ा हत्यारोपी, मुम्बई से पकड़ लाई एसटीएफ

✍️ दोस्त की हत्या कर हुआ था फरार, 20 हजार का इनाम था घोषित
✍️ नाम, भेष और ठिकाना बदल—बदल कर बचता रहा, जेल भेजा

सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा: दोस्त की हत्या कर 10 साल से फरार चल रहा इनामी हत्यारोपी आखिर पुलिस के हत्थे चढ़ गया। लंबे समय से उसकी तलाश में जुटी पुलिस के हाथ आखिरकार उस तक पहुंच ही गए और उसे मुम्बई से गिरफ्तार किया गया। जो अब तक ठिकाने बदल—बदल कर पुलिस की नजर से बच रहा था। उसकी गिरफ्तारी के लिए 20 हजार रुपये का इनाम घोषित था।

मामला जिले के लमगड़ा थाने का है। लमगड़ा थाने में 16 अक्टूबर 2014 को धारा 302 व 201 के तहत मुकदमा दर्ज हुआ। जिसकी तफ्तीश से प्रकाश में आया कि तिलकराज उर्फ नागराज ने अपने साथ काम करने वाले दोस्त की हत्या की और इसके बाद वह फरार हो गया। वह 10 सालों से फरार चल रहा था और उसकी गिरफ्तारी के लिए 20 हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया था। वह लगातार नाम व भेष बदलकर पुलिस को चकमा देकर बच रहा था। इसी क्रम में एसटीएफ उत्तराखंड के हाथ को उसके बारे में जानकारी लेेने में सफलता​ मिली। पता चला कि वह मुंबई के एक रेस्टोरेंट में काम कर रहा था। एसटीएफ उत्तराखंड की टीम हत्यारोपी तिलकराज उर्फ नागराज पुत्र स्व. जेठूराम, निवासी ग्राम पुनदल, पोस्ट गवाली, तहसील व थाना पघर, जिला मंडी हिमाचल प्रदेश को मुंबई से गिरफ्तार कर अल्मोड़ा ले आई और आज उसे यहां न्यायालय में पेश करने बाद जेल भेज दिया गया है।
पूछताछ से हुआ पूरा खुलासा

हत्यारोपी की गिरफ्तारी से पूछताछ के बाद हत्या के इस मामले का खुलासा हुआ। जिसके अनुसार वर्ष 2014 में तिलकराज व गुलाब सिंह दोनों ही अल्मोड़ा जिले के थाना लमगड़ा अंतर्गत लीसा को निकालने का कार्य करते थे। दोनों अच्छे दोस्त रहे। साथ रहना, साथ खाना और साथ काम करना। दोनों अलग—अलग झोपड़ी में रहते थे। एक रात को दोनों खाना—पीना कर रहे थे कि इसी बीच गुलाब सिंह ने किसी बात पर तिलकराज को भद्दी गाली दे दी। इसी बात से गुस्साए तिलकराज ने गुलाब सिंह की गर्दन पर सामने पड़ी सरिया से वार कर दिया, गंभीर चोट से उसकी मौके पर ही मौत हो गई। आनन—फानन में तिलकराज ने उसके शव को पास के खेत में गड्डा खोदकर दबा दिया। शव को दबाने से पहले उसके चेहरे पर लीसा निकालने में प्रयुक्त होने वाले तेजाब से जला दिया था, ताकि शव की शिनाख्त नहीं हो पाए।इस कृत्य के बाद वह अपने गांव भाग गया। बाद में रिपोर्ट दर्ज हुई और पुलिस ने गुलाब सिंह का शव बरामद कर लिया।

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