हल्द्वानी में वकीलों ने किया पेपरलेस रजिस्ट्री का विरोध; बडे़ आंदोलन की चेतावनी दी

हल्द्वानी | उत्तराखंड सरकार जहां पेपरलेस रजिस्ट्री की तरफ बढ़ रही है, तो वहीं वकील इसके विरोध में उतर गए हैं। वकीलों ने सरकारी दस्तावेजों में स्टांप पेपर को खत्म करने के खिलाफ प्रदर्शन किया। अपना विरोध जताने के लिए बुधवार 5 मार्च को नैनीताल जिला बार एसोसिएशन के बैनर तले वकीलों ने महासभा बुलाई। इस दौरान वकीलों ने सरकार को चेतावनी भी दी।
वकीलों का कहना है कि वर्चुअल रजिस्ट्री प्रक्रिया से उनकी रोजी-रोटी पर असर पड़ेगा। ऑनलाइन रजिस्ट्री से उनकी आजीविका प्रभावित होगी। इसी के विरोध में हल्द्वानी में कुमाऊं मंडल के विभिन्न तहसीलों में कार्यरत वकीलों व दस्तावेज लेखकों ने महासभा का आयोजन किया। इस महासभा को बार एसोसिएशन ने भी अपना समर्थन दिया। बुधवार को पूरे कुमाऊं मंडल से वकील हल्द्वानी रजिस्ट्री कार्यालय परिसर में पहुंचे थे, जहां उन्होंने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला। वरिष्ठ अधिवक्ताओं ने कहा कि पेपरलेस और वर्चुअल रजिस्ट्री लागू होने से हजारों वकीलों की रोजी-रोटी पर असर पडे़गा।
अधिवक्ताओं के साथ काम करने वाले टाइपिस्ट, मुंशी और ऑफिस स्टाफ भी बेरोजगारी की चपेट में आ जाएंगे। सरकार को चाहिए कि अधिवक्ताओं के हितों की रक्षा के उपाय किए जाएं। वकीलों ने सरकार की नीति पर सवाल उठाते हुए कहा कि रजिस्ट्री की प्रक्रिया सिर्फ ऑनलाइन नहीं हो सकती, क्योंकि इसमें कई कानूनी दांव-पेंच होते हैं। इसके अलावा आज के दौर में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) को देखते हुए फर्जी जमीनों की रजिस्ट्रियां सहित कई दुष्प्रभाव भविष्य में इसके देखने को मिलेंगे।
अधिवक्ताओं ने सरकार को चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही वर्चुअल रजिस्ट्री को खत्म नहीं किया गया तो प्रदेश स्तर पर बड़ा आंदोलन किया जाएगा और जरूरत पड़ी तो सचिवालय का घेराव भी होगा।
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