सीएनई रिपोर्टर, सोमेश्वर
युग प्रवर्तक कथाकार प्रेमचंद की 141वीं जयंती के उपलक्ष्य में हुकुम सिंह बोरा राजकीय महाविद्यालय सोमेश्वर के हिंदी विभाग द्वारा विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए। कथा सम्राट मुंशी प्रेमचंद के साहित्यिक योगदान को स्मरण करते हुए वक्ताओं ने उन्हें न केवल एक महान साहित्यकार अपितु युग दृष्टा और युगसृष्टा बताया।
कार्यक्रम के तहत विभाग द्वारा आनलाइन कविता, निबंध, पोस्टर व कथा वाचन का आयोजन किया गया। प्राचार्य डॉ. योगेश कुमार शर्मा के मार्गदर्शन व निर्देशन में विविध प्रतियोगिताएं हुई। इस मौके पर प्राचार्य ने कहा कि प्रेमचंद जैसे कथाकार शताब्दियों में एक ही होते हैं। अपनी मुफलिसी में भी प्रेमचंद ने समाज को एक अतुलनीय खजाना दिया है। कार्यक्रम का संचालन करते हुए डॉ. विपिन चंद्र ने कहा कि इस तरह की प्रतियोगिताएं विद्यार्थियों में जहां एक ओर पढ़ने की संस्कृति विकसित करती हैं, वहीं दूसरी ओर महान व्यक्तित्वों से छात्रों का गहन परिचय भी होता है।
विभिन्न प्रतियोगिताओं में महाविद्यालय के छात्र छात्राओं ने बढ़-चढ़कर प्रतिभाग किया। निबंध प्रतियोगिता का विषय था “हिंदी साहित्य में प्रेमचंद का योगदान” जबकि कविता लेखन हेतु “प्रेमचंद के व्यक्तित्व एवं कृतित्व” को आधार रखा गया। पोस्टर प्रतियोगिता हेतु छात्र छात्राओं से प्रेमचंद की पुस्तकों के आवरण पृष्ठ तथा प्रेमचंद का चित्र को चित्रित करने के लिए कहा गया था। महाविद्यालय के विद्यार्थियों ने निबंध, कविता तथा पोस्टर की प्रस्तुति ऑनलाइन के माध्यम से दी। निबंध प्रतियोगिता में 37 छात्र छात्राओं ने प्रतिभागिता की। जिसमें नेहा भाकुनी प्रथम, विनोद कुमार द्वितीय तथा कंचन तिवारी तृतीय स्थान पर रहे।
कविता लेखन में कुमारी सुनीता ने प्रथम स्थान प्राप्त किया, जबकि मोनिका द्वितीय तथा दीपिका तृतीय स्थान पर रहीं। पोस्टर प्रतियोगिता में अनीता भाकुनी ने प्रथम स्थान, आशा भाकुनी ने द्वितीय तथा संदीप आर्य ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। डॉ. अमिता प्रकाश एवं डॉ. भावना ने निर्णायक की भूमिका का निर्वहन करते हुए छात्र—छात्राओं के प्रयासों की प्रशंसा की। इस मौके पर महाविद्यालय के प्राध्यापक मौजूद रहे। छात्र छात्राओं को ई सर्टिफिकेट प्रदान किए गए तथा महाविद्यालय के खुलने पर पुरस्कार प्रदान करने की भी घोषणा की गई।