—बोले, अब तुन के पेड़ काटे तो उग्र आंदोलन
सीएनई रिपोर्टर, बागेश्वर
ढप्टी में अवैध खनन को लेकर ग्रामीण आक्रोशित हैं। उन्होंने कहा कि खनन के कारण हरे तुन के पेड़ भी गिरने के कगार पर पहुंच गए हैं। जिसे कटाने की पट्टाधारक ने अनुमति मांगी है। यदि उन्हें काटने की अनुमति दी गई तो ग्रामीण उग्र आंदोलन को बाध्य होंगे।
जिलाधिकारी को दिए ज्ञापन में ग्रामीणों ने कहा कि कांडा तहसील के ढप्टी गांव में प्रेम सिंह धामी के नाम खनन का पट्टा है। वह अवैध खनन कर रहे हैं। किसानों ने अनापत्ति प्रमाणपत्र दिया था, जिसकी अवधि पूरी हो गई है। अनापत्ति जिन किसानों ने दिया था, उनमें से कुछ लोगों का निधन भी हो चुका है। अन्य अनापत्ति नहीं देना चाहते हैं, लेकिन पट्टाधारक अवैध रूप से खनन कर रहे हैं। रात दो बजे से घोड़ा, खच्चर चलते हैं। पोकलैंड मशीन भी रात में संचालित की जा रही है। जिसके कारण गांव के बच्चे, बुजुर्ग और लोग परेशान हो गए हैं। बच्चों का पठन-पाठन भी प्रभावित होने लगा है। बोर्ड परीक्षाएं भी शुरू होने वाली हैं।
उन्होंने कहा कि बेनाप भूमि और लीज क्षेत्र के बाहर तुन के पेड़ हैं। खनन के कारण वह भी गिरने के कगार में हैं। उन्होंने डीएफओ को भी ज्ञापन सौंपा है। जिसमें जीवित तुन के पेड़ों को नहीं काटने की अनुमति चाही है। ऐसा होने पर वह उग्र आंदोलन को बाध्य होंगे। इस दौरान बलवंत सिंह धामी, नरेंद्र सिंह, गोपाल सिंह, भागा देवी, उमा देवी, दरपान सिंह, बलवंत सिंह, ललता देवी, गंगा देवी आदि मौजूद थे।