—स्वास्थ्य विभाग ने लगाए बोर्ड, जागरूकता अभियान
सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा
मंदिर परिसरों में तंबाकू उत्पादों का प्रयोग किया, तो COTPA अधिनियम 2003 के अंतर्गत कार्यवाही की जाएगी। यह चेतावनी इस बीच स्वास्थ्य महकमे के जागृति अभियान के तहत दी जा रही है। इतना ही नहीं कई मंदिरों के प्रवेश द्वार पर तम्बाकू मुक्त क्षेत्र के बोर्ड लगाये जा रहे हैं। दरअसल, पहली मई से शुरू हुए ‘आओ गांव चलें-उत्तराखण्ड को तम्बाकू मुक्त करें’ अभियान के तहत इस बीच जागरूकता गतिविधियां चल रही हैं।
उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम NTCP के तह इस वर्ष भी 31 मई, 2022 को विश्व तम्बाकू निषेध दिवस मनाया जाएगा। इस वर्ष की थीम “Threat to our environment” है। इसी उपलक्ष्य में निदेशक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, देहरादून के निर्देश पर एक माह (01 मई से 31 मई, 2022 तक) जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। तम्बाकू नियंत्रण के लिए “आओ गांव चलें-उत्तराखण्ड को तम्बाकू मुक्त करें” अभियान का शुभारम्भ गत 30 अप्रैल को स्वास्थ्य मंत्री उत्तराखण्ड ने किया। एक माह तक आम जनमानस को जागृत करने के लिए विभिन्न गतिविधियां चल रही हैं।
इसी क्रम में अल्मोड़ा जनपद में भी स्वास्थ्य महकमे द्वारा जन जागरूकता कार्यक्रम चलाया जा रहा है। जिसके तहत पर्यटक स्थलों एवं सार्वजनिक स्थलों को तम्बाकू मुक्त बनाने के प्रयास किये जा रहे हैं। अल्मोड़ा के धार्मिक एवं पर्यटक स्थल कसारदेवी मंदिर के मुख्य पुजारी व अन्य मंदिरों में समिति के सदस्यों के सहयोग से जागरूकता लाने वाले प्रेरक पर्चें, स्लोगन इत्यादि चस्पा किए जा रहे हैं। मंदिर परिसर के मुख्य द्वार पर मंदिर परिसर में तम्बाकू मुक्त क्षेत्र के बोर्ड लगाये जा रहे हैं। जिसमें कहा गया है कि यदि कोई भी व्यक्ति मंदिर परिसर में तम्बाकू उत्पादों का प्रयोग करता हुआ पाया जाता है, तो उस पर COTPA अधिनियम 2003 के अंतर्गत कार्यवाही की जाएगी। इसके अलावा दुकानदारों को भी हिदायत दी जा रही है कि 18 वर्ष से कम उम्र के व्यक्तियों को तम्बाकू उत्पादों को नहीं बेचें। यह दंडनीय अपराध है।