सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा
ऐसा नहीं कि लाकडाउन के बीच विद्यालयों के शिक्षकों द्वारा बच्चों को आनलाइन काम देने का दावा कर लिया और मान लिया जाए। बल्कि इस बात की कमेटी जांच करेगी और यदि जांच में कोई शिक्षक लापरवाह पाए गए, तो उनके खिलाफ कार्रवाई अमल में आएगी।
उल्लेखनीय है कि कोरोना के चलते लाकडाउन के कारण विद्यालय 23 मार्च से बंद पड़े हैं। बच्चों की पढ़ाई में व्यवधान नहीं आए, इसके लिए काफी समय से आनलाइन पढ़ाई शुरू की गई। अब दो नवंबर से 10वीं व 12वीं कक्षाओं के संचालन के लिए विद्यालय खुल रहे हैं। तब से ही ब्लाक स्तरीय कमेटी इसकी अपनी जांच शुरू करेंगे। जांच इस बात की होगी कि शिक्षकों ने आनलाइन काम दिया या नहीं और कितना दिया। इसमें आनलाइन दिए गए कार्य का आकलन ह्वटसप, वीडियोज व वर्कसीट से होगा। साथ ही कमेटी छात्र—छात्राओं से भी फीडबैक लेगी। इस मामले में मुख्य शिक्षा अधिकारी एचबी चंद का कहना है कि शिक्षकों को अब तक दिए गए कार्य का विवरण देना होगा और वह लॉगसीट जमा करेंगे। विद्यालयों में शिक्षकों के शैक्षिक प्रमाण पत्रों की जांच करने वाली कमेटी इस बात की जांच करेगी। उन्होंने कहा है कि इसमें जो शिक्षक लापरवाह पाए जाएंगे, उनके खिलाफ नियमानुसार कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।
अल्मोड़ा न्यूज : आनलाइन शिक्षण का हिसाब देंगे शिक्षक, जांच में शिक्षक लापरवाह मिले, तो होगी कार्रवाई
सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ाऐसा नहीं कि लाकडाउन के बीच विद्यालयों के शिक्षकों द्वारा बच्चों को आनलाइन काम देने का दावा कर लिया और मान लिया जाए।…