हल्द्वानी : अंतिम संस्कार में शामिल होने आया व्यक्ति गौला नदी में बहा, राजपुरा के पास मिला शव

हल्द्वानी समाचार | रानीबाग स्थित चित्रशिला घाट पर अंतिम संस्कार में शामिल होने आया एक व्यक्ति गौला नदी के तेज बहाव में बह गया। आनन-फानन…

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हल्द्वानी समाचार | रानीबाग स्थित चित्रशिला घाट पर अंतिम संस्कार में शामिल होने आया एक व्यक्ति गौला नदी के तेज बहाव में बह गया। आनन-फानन में लोगों ने उसे बचाने की कोशिश की लेकिन पानी अधिक होने के चलते उसे बचाया नहीं जा सका, और वह नदी के तेज बहाव में बह गया।

सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची काठगोदाम पुलिस और गोताखोर की टीमों ने रानीबाग से गौला बैराज तक सर्च अभियान चलाया। करीब तीन घंटे बाद घटनास्थल से करीब पांच किमी दूर राजपुरा स्थित गौला नदी में युवक का शव पड़ा मिला। उसके सिर में चोट लगने से खून का भी रिसाव हुआ था। हालांकि पुलिस ने नदी में मिले युवक को डॉ. सुशीला तिवारी अस्पताल भेजा, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

मिली जानकारी के अनुसार, प्रेमपुर लोश्ज्ञानी निवासी 36 वर्षीय छत्रपाल पुत्र मुन्ना लाल शनिवार को अपने परिचित की मौत पर अंत्येष्टि में शामिल होने रानीबाग स्थित चित्रशिला घाट पर आया था। दोपहर करीब 1 बजे नदी किनारे जाने पर अचानक उसका पैर फिसला और वह नदी में बहने लगा। इस दौरान किसी व्यक्ति ने उसे बहते हुआ देखा तो शोर मचाया। लोगों ने घटना की सूचना पुलिस को दी। मौके पर काठगोदाम चौकी प्रभारी फिरोज आलम टीम के साथ पहुंच गए। पुलिस ने रानीबाग, गुलाबघाटी और बैराज तक सर्च अभियान चलाया। मगर शनिवार को गौला का बहाव तेज था। करीब तीन घंटे तक पुलिस लापता युवक को तलाशती रही, लेकिन पता नहीं चला।

इस बीच दोपहर बाद करीब 3 बजे राजपुरा क्षेत्र में नदी में गए किसी व्यक्ति ने पुलिस को फोन कर नदी में किसी के पड़े होने की सूचना दी। सूचना पर बनभूलपुरा थानाध्यक्ष नीरज भाकुनी ने इसे नदी से बाहर निकलवाया। इस बीच काठगोदाम चौकी प्रभारी भी लापता युवक के बड़े भाई जसवंत लाल को लेकर राजपुरा पहुंच गए। जसवंत ने शव की शिनाख्त की। सीओ नितिन लोहनी भी मौके पर पहुंचे और घटना की जानकारी ली। सीओ ने बताया कि शव की शिनाख्त हो गई है। परिजन भी मौके पर पहुंच गए हैं।

जसवंत लाल ने बताया कि वह बिल्डिंग निर्माण का काम करते हैं। उनके मुंशी के पिता की मौत हुई थी, तो रानीबाग अंत्येष्टि के लिए आए थे। घर पर ही उन्होंने छत्रपाल को घाट आने के लिए मना किया था। लेकिन वह नहीं माना और अकेले ही घाट पहुंच गया। जसवंत ने बताया कि घटना के समय वह ऊपर की ओर थे, लेकिन छत्रपाल नदी की तरफ चला गया। जसवंत ने बताया कि छत्रपाल खेतीबाड़ी करता था। उसका एक बेटा और दो बेटियां हैं। बेटा 7वीं, एक बेटी दूसरी और एक नर्सरी में पढ़ती है।

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