भारी बारिश के बीच भूमिगत हुए ग्वल देवता, भयभीत परिवारों ने छोड़े आश्यिाने
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सीएनई रिपोर्टर, बागेश्वर
चार दिनों से हो रही भारी बारिश कहर बरपाने लगी है। इस बारिश में 08 मकान ध्वस्त हो गए हैं और यहां रहने वाले सभी लोग घर छोड़ अन्यत्र चले गये हैं। जिला प्रशासन प्रभावितों को अहैतुक सहायता प्रदान कर रहा है। राजस्व पुलिस नुकसान का जायजा जुटाने में लगी है। वहीं, एनएच बागेश्वर-कपकोट-मुनस्यारी पर आरे के समीप गोलू देवता का मंदिर मलबे में दब गया है।
आपदा कंट्रोल रूम से मिली जानकारी के अनुसार घिरौली निवासी बहादुर राम पुत्र गोविंद राम के परिवार के छह सदस्य, भकुनखोला की मुन्नी देवी पत्नी राजेंद्र लाल के पांच, देवलखेत के प्रकाश गिरी पुत्र आनंद गिरी के पांच, कौसानी के विनोद सिंह पुत्र बिशन सिंह के चार स्वजनों ने घर छोड़ दिया है। वहीं, ढूंगापाटली निवासी कमला पत्नी बचे सिंह के परिवार के नौ, कुकुड़ाडाना के प्रकाश चंद्र पुत्र पूरन लाल के पांच, आरे के कुंदन राम पुत्र खीम राम के चार सदस्य घर छोड़ने पर मजबूर हुए हैं। उधर गैराड़ के शंकर सिंह पुत्र जीवन सिंह का मकान ध्वस्त हो गया है।
जिला आपदा अधिकारी शिखा सुयाल ने बताया कि प्रभावितों को हुए नुकसान का राजस्व विभाग आकलन कर रहा है। उन्हें जिला प्रशासन अहैतुक मदद प्रदान करेगा। उन्होंने बताया कि 12 अक्टूबर तक मौसम विभाग का अलर्ट है। बंद सड़कों को खोला जा रहा है। बिजली की आपूर्ति सुचारू करने के निर्देश डीएम ने दिए हैं। पेयजल योजनाओं की मरम्मत भी की जा रही है।
मलबे में समाया ग्वल देवता का मंदिर, पहाड़ पर आई बड़ी दरार
एनएच बागेश्वर-कपकोट-मुनस्यारी पर आरे के समीप गोलू देवता का मंदिर मलबे में दब गया है। लोगों ने तत्काल मंदिर से मलबा हटाने की मांग की है। उन्होंने आशंका जताया है कि कभड़भ्योल पर दुर्घटना हो सकती है। स्थानीय निवासी दीपक खेतवाल ने कहा कि कभड़भ्योल लगातार दरक रहा है। पहाड़ी पर एक बड़ी दरार भी है। सोमवार को एक बड़ा पत्थर मंदिर के ऊपर गिर गया। उसके बाद मलबे में मंदिर दब गया है। गोलू देवता क्षेत्र की रक्षा करते हैं। उन्होंने कहा कि यदि मंदिर के ऊपर से तत्काल मलबा नहीं हटाया गया तो आंदोलन किया जाएगा।