जगमोहन रौतेला
हल्द्वानी। भाकपा (माले), भाकपा व माकपा के राज्यस्तरीय संयुक्त आह्वान पर शारीरिक दूरी के नियमों का पालन करते हुए धरना दिया गया। इस अवसर पर भाकपा माले के राज्य सचिव राजा बहुगुणा ने कहा कि, “कोरोना जिस समय अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है और जिस समय सरकार को जिम्मेदार होने की सबसे ज्यादा जरूरत है ठीक उस समय जनता को संकट में धकेलकर सरकार अपनी जिम्मेदारी से भाग रही है, यह बेहद शर्मनाक है।” उन्होंने कहा कि, “सरकार जनता जिम्मेदारी से भागना बंद करे और जनता को राहत प्रदान करे।स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करना, सबके लिए खाद्यान्न और न्यूनतम आय की व्यवस्था करना आज की सबसे बड़ी जरूरत है।” धरने के माध्यम से देश के प्रधानमंत्री व उत्तराखंड के मुख्यमंत्री को ईमेल से ज्ञापन भेजा गया। जिसमें 9 सूत्रीय मांग की गई-
1.आयकर ना भरने की श्रेणी में आने वाले सभी परिवारों को छह महीने की अवधि के लिए 7500 रुपये प्रति माह का नकद हस्तांतरण किया जाए।
2.छह महीने की अवधि के लिए प्रति महीना, प्रति व्यक्ति 10 किलो खाद्यान्न का मुफ्त वितरण किया जाए।
3.फंसे हुए प्रवासी श्रमिकों को उनके मूल स्थानों तक पंहुचाने के लिए तुरंत भोजन और पानी के साथ मुफ्त परिवहन के साधन प्रदान किए जाएं।
4.मनरेगा के तहत न्यूनतम 200 दिन का रोजगार सुनिश्चित किया जाये और मजदूरी 500 रु. प्रति दिन की जाये. शहरी गरीबों के लिए रोजगार गारंटी योजना का विस्तार किया जाए।
5.वापस लौटे कामगारों के कौशल एवं दक्षता का आकलन करते हुए, उनके लिए तद्नुरूप रोजगार का प्रबंध किया जाये।
6.उत्तराखंड के क्वारंटीन सेंटर्स में निरंतर होती मौतें गंभीर चिंता का विषय हैं. रिहायशी भवनों को ही क्वारंटीन सेंटर बनाया जाये, उनमें रहने योग्य समुचित सुविधाएं हों और उनके प्रबंध का जिम्मा स्थानीय प्रशासन का हो।
7.संस्थानिक क्वारंटीन की अवधि पूरी कर चुके लोगों को उनके हाल पर न छोड़ दिया जाये बल्कि उनके घर तक शारीरिक दूरी और अन्य मानकों का पालन करते हुए पहुंचाने का जिम्मा स्थानीय प्रशासन का हो।
8.प्रदेश में वर्तमान में चिकित्सा सेवाओं की स्थिति पर राज्य सरकार श्वेत पत्र जारी करे।
9.कोरोना महासंकट में संक्रमण बढ़ता जा रहा है, चूंकि यह चिकित्सीय आपदा का समय है, इसलिए तमाम निजी अस्पतालों को सरकार अधिगृहीत कर स्वयं संचालित करे।
धरने में शारीरिक दूरी का पालन करते हुए विभिन्न स्थानों पर भाकपा माले के राज्य सचिव राजा बहुगुणा, बहादुर सिंह जंगी, डॉ कैलाश पाण्डेय, देवेन्द्र रौतेला, ललित मटियाली, विमला रौथाण, निर्मला देवी, पुष्कर दुबड़िया, किशन बघरी, कमल जोशी,गोपाल सिंह, ललित जोशी, जगदीश, विनोद कुमार, विक्की आदि ने हिस्सेदारी की।”