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श्रद्धांजलि: उत्तराखंड अनुसूचित जाति जनजाति आयोग के पहले अध्यक्ष गिरीश लाल टम्टा नहीं रहे

सीएनई रिपोर्टर, बागेश्वर
जनसंघ के नेता, अनुसूचित जाति जनजाति आयोग उत्तराखंड के पहले अध्यक्ष अधिवक्ता गिरीश लाल टम्टा का निधन हो गया है। वह 87 वर्ष के थे। उनके निधन पर जिले में शोक की लहर दौड़ गई है। उनके गांव झिरौली में भी शोकसभाएं आयोजित की जा रही हैं। उनके निधन पर भाजपा समेत अन्य संगठनों ने गहरा शोक जताया है।

मूल रूप से खरेही क्षेत्र के झिरौली निवासी गिरीश लाल टम्टा जनसंघी थे। उन्होंने एमए, एलएलबी के बाद अल्मोड़ा में वकालत की। जिला प्लानिंग आफिसर रहे और राजनीति में प्रवेश करने को नौकरी छोड़ दी। 1978 में जनसंघी होने पर उन्होंने चुनाव भी लड़ा। उसके बाद वह भाजपा में अनुसूचित जाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष बने। 2005 में वह अनुसूचित जाति जन जाति आयोग उत्तराखंड के अध्यक्ष रहे। पिछले एक वर्ष से वह बीमार थे और उनका दिल्ली के एक अस्पताल में उपचार चल रहा है। उनके पुत्र चीफ इंजीनियर यूपीसीएल उत्तराखंड नीरज कुमार ने बताया कि उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया है।

स्व. टम्टा अपने पीछे पत्नी मुून्नी टम्टा (पूर्व डीआइओ), बेटी नीलम टम्टा (उ.प्र. के रामपुर में डायट प्राचार्य) तथा बेटा आईपीएस तरुण कुमार (दिल्ली इंटलीजेंस ब्यूरो) को रोता-बिलखता छोड़ गए हैं। उनके निधन पर केंद्रीय राज्य मंत्री अजय भट्ट, सांसद अजय टम्टा, विधायक चंदन राम दास, सज्जन लाल टम्टा, राम प्रसाद टम्टा, मोहन लाल टम्टा, जीसी टम्टा, भाजपा जिलाध्यक्ष शिव सिंह बिष्ट, सुरेश गढ़िया आदि ने गहरा शोक व्यक्त किया है।

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