महाशिविर: हिमालय के आठ सौ साल पौराणिक ध्यान संस्कार को ग्रहण करने का निःशुल्क आनलाइन अवसर

हल्द्वानी। 2020 भले ही खत्म होने वाला है लेकिन कोरोना महामारी के साथ विश्व की लड़ाई अभी भी जारी है। इस चुनौती पूर्ण समय में…

हल्द्वानी। 2020 भले ही खत्म होने वाला है लेकिन कोरोना महामारी के साथ विश्व की लड़ाई अभी भी जारी है। इस चुनौती पूर्ण समय में स्वयं को शांत रखने का सबसे आसान मार्ग है नियमित ध्यान, हिमालय का यह ध्यान आठ सौ पुराना दिव्य संस्कार है, जो प्रत्येक मनुष्य बिना किसी जटिल क्रिया या कठोर साधना के प्राप्त कर सकता है। ‘महाशिविर’ जीवंत गुरू के सानिध्य में आत्मसाक्षात्कार पाने का एक अनमोल अवसर है। इन आठ दिनों के महाशिविर में सदगुरू श्री शिवकृपा नंद स्वामी जी अध्यात्म के उस गूढ़ ज्ञान को, जो उन्होंने छः दशकों से अधिक साधना से प्राप्त किया है। उसे बहुत ही सरल भाषा में सहज रूप से सिर्फ आठ दिनो में लोगों से साझा करेंगे। इस दौरान लोगों को प्रतिदिन उनके साथ और लाखों लोगों की सामूहिकता के साथ सामुहिक ध्यान करने का अवसर मिलेगा और कहा जाता है कि लाख दिन अकेले ध्यान करना और एक दिन लाख लोगों की आत्मिक सामूहिकता में ध्यान करना एक बराबर है।
‘गुरूतत्व’ शिवकृपानंद स्वामी फाउंडेशन द्वारा संचालित एक वैश्विक मंच है जो हर एक मनुष्य के आध्यात्मिक विकास के लिए कार्यरत है। गुरूतत्व स्वयं श्री शिवकृपानंद स्वामी जी के तत्वाधान में महाशिविर का आयोजन करता है। जिसके माध्यम से लाखों लोग हिमालय के इस अनमोल ध्यान की अनुभूति प्राप्त करने का अवसर प्राप्त करते हैं। सदगुरू स्वामी शिवकृपानंद स्वामी जी एक साक्षात्कारी ऋषि हैं। बचपन से ही वह सत्य की खोज में रहे। उनका संपूर्ण जीवन ही साधना में रहा है। जिसमें करीब सोलह साल उन्होंने हिमालय में ध्यान साधना की है और वहां स्थित गुरूओं (जैन ,बौद्ध, कैवल्यकुंभक योगियों के भी समावेश है)के सानिध्य में आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त किया । वह हिमालय की इस अनुभूति प्रधान अमूल्य ध्यान योग को सन् 1994से देश विदेश में निशुल्क बाट रहे हैं।
संस्था की अनुयायी श्रीमती कविता भट्ट ने बताया कि गुरूतत्व का अगला महाशिविर 23 से 30दिसंबर तक प्रातः 6 बजे से 8 बजे तक महाशिविर का निशुल्क प्रसारण होगा। इस कार्यक्रम का रिपीट टेलीकास्ट प्रतिदिन सायं 6 बजे से 8 बजे तक किया जायेगा। जिसे आप youtube.com/gurutattva तथा www.gurutattva.org पर देख सकते हैं। महाशिविर की अन्य सूचनायें फेसबुक एवं इस्टाग्राम के माध्यम से @gurutattvameditation पर नियमित रूप से दी जायेंगी ।


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *