दिग्गज फिल्ममेकर और स्क्रीनराइटर बासु चटर्जी का गुरुवार को उनका निधन हो गया. उन्होंने मुंबई में अपनी अंतिम सांस ली. बढ़ती उम्र के साथ होने वाली दिक्कतों के चलते उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कह दिया. उन्होंने छोटी सी बात, रजनीगंधा, बातों बातों में, एक रुका हुआ फैसला और चमेली की शादी जैसी फिल्मों का निर्देशन किया था.
उनकी उम्र 93 साल थी. Indian Film & TV Directors’ Association के अध्यक्ष अशोक पंडित ने ट्वीट करके उनके निधन की दुखद खबर साझा की है. अशोक पंडित ने लिखा, “मुझे आप सबको ये बताते हुए बहुत दुख हो रहा है कि दिग्गज फिल्ममेकर बासु चटर्जी अब नहीं रहे. उनका अंतिम संस्कार सांताक्रूज में दोपहर 2 बजे किया जाएगा. उनका जाना इंडस्ट्री के लिए एक बहुत बड़ा धक्का है. आप बहुत याद आएंगे सर.”
बासु का जन्म राजस्थान के अजमेर में हुआ था और उन्होंने भारतीय सिनेमा में सराहनीय काम किया था. मुंबई के एक अखबार में कार्टूनिस्ट और इलस्ट्रेटर का काम करने वाले बासु के बारे में किसने सोचा था कि वो भारतीय सिनेमा को अगली सीढ़ी पर कदम रखने में मदद करने वाले दिग्गज फिल्ममेकर साबित होंगे.
राज कपूर और वहीदा रहमान की फिल्म तीसरी कसम में उन्होंने बासु भट्टाचार्य को असिस्ट किया था. ये फिल्म साल 1966 में रिलीज हुई थी और इसमें बेस्ट फीचर फिल्म का अवॉर्ड जीता था. जहां तक उनके डायरेक्टोरियल डेब्यू की बात है तो उन्होंने निर्देशन के क्षेत्र में फिल्म सारा आकाश से शुरुआत की थी. ये फिल्म साल 1969 में रिलीज हुई थी और इसके लिए बेस्ट स्क्रीनप्ले का फिल्मफेयर अवॉर्ड जीता था.
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