—बेसिक शिक्षा से एलटी में समायोजित व पदोन्नत शिक्षकों का मामला
सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा
राज्य में बेसिक शिक्षा से एलटी में समायोजित, पदोन्नत एवं विभागीय परीक्षा भर्ती के शिक्षकों को अर्से बाद भी चयन प्रोन्नत वेतनमान नहीं मिल सका। इसकी फाइल 12 साल से शासन में धूल फांक रही है, मगर शासनादेश जारी नहीं हो सका, जबकि उतराखण्ड राजकीय एलटी समायोजित पदोन्नत शिक्षक संघर्ष मंच उत्तराखंड इसके लिए लगातार आवाज उठा रहा है। अब मंच ने आरपार की लड़ाई का मन बनाया है।
मंच ने इस मुदृे पर मंथन के लिए प्रदेश स्तरीय बेबीनार आयोजित की। जिसमें बेसिक शिक्षा से एलटी में समायोजित, पदोन्नत एवं विभागीय परीक्षा भर्ती के शिक्षकों के चयन प्रोन्नत वेतनमान का शासनादेश 12 सालों में भी जारी नहीं होने पर शिक्षकों में कड़े गुस्से का इजहार किया। बेबीनार में कहा गया कि शासन के वित्त विभाग में फाइल एक दशक से धूल फांक रही है। शिक्षक नेताओं ने कहा कि गत दिसम्बर माह में आचार संहिता लागू होने से पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एवं तत्कालीन शिक्षामंत्री अरविंद पाण्डेय ने समान कार्य पर समान वेतनमान दिलाने का भरोसा दिया था, लेकिन सरकार बदल गई और इस आश्वासन से एक बार फिर शिक्षक छले गए। वक्ताओं ने कहा कि शिक्षकों को इस प्रकरण पर मजबूरन उच्च न्यायालय की शरण लेनी पड़ी है। उन्होंने ये सवाल भी खड़ा किया कि जब हक व न्याय के लिए अदालत की शरण जाना पड़ रहा है, तो शिक्षा विभाग में अधिकारियों की फौज खड़ी करने का औचित्य क्या है, जिससे समस्याओं का हल ही ना हो सके। बैठक में मंच के प्रदेश अध्यक्ष दिगंबर फुलोरिया ने कहा कि इस मामले पर एक बार फिर मुख्यमंत्री एवं शिक्षामंत्री से वार्ता की जाएगी। इसमें कुछ राह खुली तो ठीक अन्यथा अब प्रदेश भर में जबर्दस्त आंदोलन खड़ा कर दिया जाएगा। जिसके तहत आमरण अनशन भी होगा। जिसकी पूरी जिम्मेदारी शासन—प्रशासन की होगी।
बेबीनार की अध्यक्षता मंच के संरक्षक कीर्तिमणि रतूड़ी एवं संचालन प्रदेश अध्यक्ष दिगम्बर फुलोरिया ने किया। इसमें महासचिव राजपाल सिंह रावत, गोपाल गुसाई, आलोक साह, मदनगिरी गोस्वामी, हर्षवर्धन शुक्ला, हरीश चन्द्र गैरोला, हरेंद्र सिंह रावत, मित्रानन्द भट्ट, कैलाश पांडे, भैरव दत पनेरू, सरोज राणा, उर्मिला नेगी, उर्मिला बिष्ट, शिवराज सिंह धोनी, राजेश्वरी, रावत बीना रावत, राजकिशोर, वीपी भट्ट, सुलोचना असवाल, जय अधिकारी, आलोक परिहार सहित दर्जनों शिक्षक उपस्थित थे।