नए अधिनियम की बाध्यता से राजस्व पुलिस कार्मिकों को रखें अलग

📌 रेगुलर पुलिस से ही करायें पुलिसिंग कार्य ✒️ राजस्व सेवक संघ की ओर से सौंपा गया ज्ञापन सीएनई रिपोर्टर, सुयालबाड़ी/गरमपानी। पर्वतीय राजस्व निरीक्षक, राजस्व…

नए अधिनियम की बाध्यता से राजस्व पुलिस कार्मिकों को रखें अलग

📌 रेगुलर पुलिस से ही करायें पुलिसिंग कार्य

✒️ राजस्व सेवक संघ की ओर से सौंपा गया ज्ञापन

सीएनई रिपोर्टर, सुयालबाड़ी/गरमपानी। पर्वतीय राजस्व निरीक्षक, राजस्व उपनिरीक्षक एवं रेगुलर पुलिस जनपद नैनीताल ने 01 जुलाई 2024 से लागू भारतीय न्याय संहिता/भारतीय नागरिकता सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 की शर्तों को तकनीकी कारणों से पूरा करने में असमर्थता जाहिर की है।

संगठन के सचिव राकेश सिंह कठायत के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने डीएम नैनीताल के नाम संबोधित ज्ञापन सौंपा है। ज्ञापन में कहा गया है कि नवीन अधिनियम अनुसार सभी प्रशन सूचना रिपोर्ट ऑन लाईन दर्ज की जानी है। प्राथमिक शिकायतों को भी दर्ज किये जाने का प्राविधान है। जांच दौरान लिये गये बयानों विडियोग्राफी भी अनिवार्य है तथा विवेचना में प्रयुक्त विडियोग्राफी/ऑडियो की लैब जांच भी अनिवार्य है।

उन्होंने कहा कि उक्त कार्यवाही को करने हेतु राजस्व पुलिस कार्मिकों के पास कोई किस्म संसाधन उपलब्ध नही है। एक अकेले राजस्व उपनिरीक्षक के पास दो-दो चौकियों का प्रभार है जिसमें सहयोग हेतु कोई अन्य सहयोगी कार्मिक तैनात नहीं हैं। उक्त के अलावा अधिकांश राजस्व पुलिस चौकियों शीर्ण अवस्था में जिनमें बिजली, पानी, दरवाजे आदि तक की सुविधा नही है। उक्त परिस्थितियों में हम राजस्व पुलिस कार्मिक चाहकर भी उक्त अधिनियमों के अन्तर्गत नियमानुसार कार्य करने में असमर्थ हैं।

उन्होंने कहा कि पुलिस के पास उचित संसाधन युक्त व्यवस्था है जिस कारण नियमित पुलिस कार्मिकों को नवीन निधि कानूनों के तहत लागू कार्य प्रणाली में कार्य करने में असहजता नही है। किंतु राजस्व पुलिस कार्मियों को ना ही प्रशिक्षण दिया गया है और ना ही राजस्व पुलिस कार्मिकों के पास नवीन कानून विधि के अनुसार संसाधन उपलब्ध जिससे नवीन कानूनों के तहत विवेचना को सम्यक तरीके से किया जा सके।

यह भी बताय कि नवीन चन्द्र बनाम राज्य सरकार मामले में सर्वोच्च न्यायालय एवं 21 मई 2024 को उच्च न्यायालय उत्तराखण्ड के द्वारा भी संपूर्ण उत्तराखण्ड में राजस्व पुलिस व्यवस्था को पूरी तरह से समाप्त कर नियमित पुलिस व्यवस्था एक वर्ष के भीतर लागू करने का आदेश दिया गया है। आग्रह किया कि राजस्व पुलिस कार्मिकों को कठिनाईयों के दृष्टिगत पुलिस संबंधी कार्यों को नियमित पुलिस द्वारा संपादित कराये जायें।


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