BageshwarCNE SpecialDehradunEducationUttarakhand

ब्रेकिंग न्यूज : राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार- 20 प्राप्त करेंगे उत्तराखण्ड के दो अध्यापक, मुख्यमंत्री ने दी बधाई


देहरादून / बागेश्वर । मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने प्रदेश के दो अध्यापकों को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार 2020 के लिये चयनित होने पर उन्हें बधाई दी है। राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार प्राप्त करने वालों में प्रधानाचार्य जी.एच.एस.एस पुडकुनी, कपकोट (बागेश्वर) डा. केवलानन्द काण्डपाल तथा उप प्रधानाचार्य एकलव्य मॉडल रेजिडेंशियल स्कूल जोगला, कालसी (देहरादून) की सुधा पैन्यूली शामिल हैं।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित हमारे इन अध्यापकों ने देश में प्रदेश का नाम रोशन किया है। उन्होंने इस सम्मान को अन्य शिक्षकों के लिये भी प्रेरणादायी बताया है। उन्होंने कहा कि देश में एकलव्य मॉडल रेजिडेंशियल स्कूलों में सम्मानित होने वाली सुधा पैन्यूली पहली अध्यापिका हैं, यह भी प्रदेश के लिये गर्व की बात है।
शैलेश मटियानी राज्य शिक्षक उत्कृष्टता पुरस्कार से सम्मानित डा, केवलानंद कांडपाल बचपन से ही मेधावी रहे हैं। उन्हें मिले इस पुरस्कार से शिक्षकों में खुशी का माहौल है।
खुनौली गांव निवासी स्व, परमानंद कांडपाल और मोहनी देवी के घर 29 जनवरी 1966 को जन्मे डा केवलानंद कांडपाल बचपन से कुशाग्र बुद्धि के धनी रहे हैं। उन्होंने प्राइमरी शिक्षा गांव की पाठशाला से ग्रहण की।
1980 में हाईस्कूल, 1982 में इंटर की परीक्षा, 1984 बी कॉम और 1986 में एम कॉम सभी प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की है। 1990 से 2006 तक राजकीय इंटर कालेज गोपेश्वर चमोली में प्रवक्ता पद कार्यरत रहे।
वहां उन्होंने प्रवक्ता पद पर रहते हुए इंटर में वाणिज्य विषय में बेहतरीन परीक्षाफल दिया। 2006 से वह यहां डायट में प्रवक्ता के पद पर कार्यरत हैं।
सेवाकाल के दौरान उन्होंने 2002 में वाणिज्य में डी फिल, 1998 में एलएलबी और 2014 में एलएलएम की उपाधि प्राप्त की। उन्हें लेखन में काफी रुचि रही है।
उनके राष्ट्रीय स्तर की शैक्षिक संदर्भ पत्रिकाओं में लगातार लेख प्रकाशित होते आ रहे हैं। कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग भारत सरकार डीओपीटी के राष्ट्रीय संदर्भदाता के रूप में देश के उच्च प्रशिक्षण संस्थानों में निरंतर प्रशिक्षण प्रदान करते आ रहे हैं।
डा कांडपाल के निर्देशन में डायट में एक समेकित शिक्षा संसाधन केंद्र विकसित किया गया है। विशेष आवश्यकता वाले बच्चों को मुख्यधारा में लाने के लिए इससे सहायता मिल रही है।
वह नियोजन और प्रबंधन विभाग के मुखिया के रूप में डायट एवं जिले के अध्यापकों के लिए विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षणों का सफलतापूर्वक संचालन करते आ रहे हैं।
उनकी पत्नी ममता कांडपाल भी शिक्षिका हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *


Back to top button
किचन गार्डन में जरूर लगाएं ये पौधे, सेहत के लिए भी फायदेमंद Uttarakhand : 6 PCS अधिकारियों के तबादले शाहरूख खान की फिल्म डंकी 100 करोड़ के क्लब में शामिल हिमाचल में वर्षा, बर्फबारी होने से बढ़ी सर्दी Uttarakhand Job : UKSSSC ने निकाली 229 पदों पर भर्ती