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ALMORA NEWS: रिहाई के बाद फिर जिला प्रशासन पर साधा निशाना; डीएम के तबादले और कार्यों की जांच की मांग भी उठाई

सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा
मल्ला महल को लेकर आंदोलित सांस्कृतिक-ऐतिहासिक धरोहर बचाओ संघर्ष समिति के लोगों की गत दिवस गिरफ्तारी के बाद आक्रोश बढ़ गया है। रिहा होने के बाद अब समिति के वरिष्ठ नेताओं ने प्रेसवार्ता आयोजित कर कहा कि गत दिवस गिरफ्तारी करना अभिव्यक्ति की आजादी को दबाना मात्र है, लेकिन जनता की आवाज दब नहीं सकती और मल्ला महल प्रकरण पर मांगें नहीं माने जाने तक आंदोलन जारी रहेगा। समिति ने कल फिर धरना कार्यक्रम प्रस्तावित किया है। समिति ने अब डीएम के तबादले और कार्यों की जांच की मांग भी उठाई है।
समिति के वरिष्ठ नेता एवं पालिकाध्यक्ष प्रकाश चंद्र जोशी ने कहा कि हमने कहीं भी नियमों की अवहेलना नहीं की बल्कि द्वेष भावना से धरना देने रोका गया और गिरफ्तारी की गई। उन्होंने कहा कि प्रशासन को पूर्व ही विधिवत धरने के सूचना दी गई थी और धरना दिवस को 12 बजे तक प्रशासन तरफ से कोई जवाब नहीं आया। जब धरने पर बैठने लगे तो गिरफ्तारी कर ली। उन्होंने कहा कि कलेक्ट्रेट में इससे पहले भी कई बार धरने अलग-अलग संगठनों द्वारा दिए जाते रहे हैं और अन्य कार्यक्रम हो चुके हैं। मगर प्रशासन ने इसी समिति को धरने से क्यों रोका, यह सोचनीय है। उन्होंने कहा कि हम कलेक्ट्रेट परिसर में संरक्षण कार्य होने का विरोध नहीं कर रहे हैं, बल्कि अनुरक्षण (संरक्षण) कार्य में हो रही मनमानी का विरोध कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि करीब 500 साल पुराना मल्ला महल ऐतिहासिक विरासत होने के साथ ही वहां प्राचीन राम शिला मंदिर होने से सांस्कृतिक नगर की धार्मिक आस्था भी जुड़ी है। ऐसी धरोहर से अवैज्ञानिक तरीके से बिना जानकारों व जनता को विश्वास में लिये ही कार्य कराया जाना बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। इसी कारण कई सामाजिक व राजनैतिक जन संगठनों द्वारा गठित सांस्कृतिक-ऐतिहासिक धरोहर बचाओ संघर्ष समिति अब तक हुए कार्य और उस पर हुए खर्च की जांच करने, जानकारों से सलाह मशविरा करके और पुरातत्व विभाग की देखरेख में कार्य कराए जाने की मांग की जा रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि अपनी कमजोरियों को छिपाने के लिए प्रशासन समिति की आवाज को दबाने का प्रयास कर रहा है। उन्होंने बताया कि इसी मुद्दे पर 9 जनवरी यानी कल दोपहर 12 बजे से गांधी पार्क चैघानपाटा में धरना होगा।
वरिष्ठ नेता पीसी तिवारी ने कहा कि जनता की आवाज को दबाने के लिए जिला प्रशासन ने गत दिवस गिरफ्तारी की, जो नियमानुसार गलत थी। उन्होंने कहा कि यदि कलेक्ट्रेट परिसर में धारा 144 प्रभावी थी, तो उसके अनुसार कार्रवाई क्यों नहीं की गई और यदि कलेक्ट्रेट परिसर को साइलेंट जोन घोषित किया है, तो वहां ध्वनि मापक यंत्र क्यों नहीं लगाया गया है। हर विशेष अवसरों पर कलेक्ट्रेट परिसर में कार्यक्रम होते रहे हैं। भर्ती तक आयोजित की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि मल्ला महल को लेकर उठ रही आवाज को दबाने के लिए गिरफ्तारी का षडयंत्र प्रशासन ने रचा, मगर इससे आवाज दबेगी नहीं। श्री तिवारी ने आरोप लगाया कि सरकार की मिलीभगत से मनमानी की जा रही है। उन्होंने कहा कि अभिव्यक्ति की आजादी को कोई नहीं छीन सकता है। श्री तिवारी ने तत्काल जिलाधिकारी का तबादला करने की मांग उठाई और कहा कि उनके कार्यकाल के कार्यों की पूरी जांच की जाए। इस दौरान समिति के सदस्य राजेंद्र रावत भी मौजूद रहे।

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