✒️ पुलिस पर लगाया उत्पीड़न का आरोप, प्रदेश के दवा व्यवसायी लामबंद
सीएनई रिपोर्टर, देहरादून। पुलिस द्वारा राजधानी के रिटेल केमिस्टों के प्रतिष्ठानों में अचानक छापेमारी के बाद दवा व्यवसायियों में जबरदस्त रोष है। उत्तरांचल औषधी व्यवसायी महासंघ ने मामले को गंभीरता से लिया है। संगठन का आरोप है कि पुलिस द्वारा बिना औषधि नियंत्रण विभाग के प्रतिनिधियों के छापेमारी की गई है। जो नियमों का उल्लंघन है। दवा व्यवसासियों का उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं किया जायेगा।
संगठन का आरोप है कि देहरादून पुलिस द्वारा बिना औषधि नियंत्रण विभाग के प्रतिनिधियों के देहरादून में रिटेल केमिस्टों के प्रतिष्ठानों में आकस्मिक छापेमारी की गई। बिना तथ्यों के कई दवा प्रतिष्ठानों के शटर बंद कर दिये गये। जो कि व्यवसायों का घोर उत्पीड़न है।
प्रदेश अध्यक्ष बीएस मनकोटी व महामंत्री अमित गर्ग ने कहा कि प्रदेश के समस्त दवा व्यवसाई सॉयकोट्रोपिक दवाओं का भंडारण व विक्रय विभागीय नियमों के अनुसार ही करते हैं। हमारे सभी सदस्य ड्रग लाइसेंसी हैं इसलिए सभी के पास फ़ार्मेसिस्ट की उपलब्धता अनिवार्य होती है जो है।
उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का स्पष्ट आदेश है कि पुलिस विभाग को किसी भी दवा प्रतिष्ठान में छापे व जाँच करने का कोई अधिकार नहीं है। इस संदर्भ में एडीजी लॉ एन ऑर्डर उत्तराखण्ड पुलिस ने राज्य के सभी ज़िलों के पुलिस अधिकारियों को पत्र लिखकर माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करने हेतु पत्र प्रेषित किया था। चूंकि पुलिस विभाग को ड्रग एक्ट व साइकोट्रोपिक दवाओं की जानकारी नहीं हो सकती है। अतः बिना ड्रग विभाग के प्रतिनिधियों के छापामारी पूर्णतया उत्पीड़न है।
चेतावनी दी कि अगर देहरादून पुलिस द्वारा दवा व्यवसायों का उत्पीड़न जारी रहा तो प्रदेश के सभी दवा व्यवसाई आंदोलित होने के लिए बाध्य होंगे। साथ ही सॉयकोट्रोपिक दवाओं का भंडारण व विक्रय भी बंद करने के लिए बाध्य होंगे। प्रदेश अध्यक्ष बीएस मनकोटी व महामंत्री अमित गर्ग के नेतृत्व में देहरादून के सभी दवा संघटनों के पदाधिकारी सचिव स्वास्थ्य व औषधि नियंत्रक से कल मिलेंगे।
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