—सांस्कृतिक नगरी अल्मोड़ा छलड़ी के रंग से रही सराबोर
सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा
ऐतिहासिक व सांस्कृतिक नगरी अल्मोड़ा समेत आज समूचे जनपद में रंग पर्व ‘छलड़ी’ पूरे हर्षोल्लास, रंगों की बौछार व आपसी भाईचारे के साथ मनाई गई। अल्मोड़ा के मोहल्ले—मोहल्ले में होल्यारों ने ढोलकी की थाप पर रंगों के साथ होली गीतों की बौछार से समां बांधा। महिलाएं हों या पुरुष अपनी—अपनी टोलियों में घर—घर होली गायन हुआ।
शनिवार को रंगोत्सव के तहत होल्यारों ने हर्षोल्लास व धूमधाम से छलड़ी मनाई। महिला, पुरुष व बच्चे सभी होली के रंग से रंगे रहे। सुबह लोग अबीर—गुलाल लेकर निकले और घर—घर जाकर अबीर—गुलाल लगाकर एक—दूसरे को होली की बधाईयां दीं। महिला होल्यारों व पुरुष होल्यारों की टोलियां अपने अपने मोहल्ले में होली गायन करते हुए घूमी। वहीं रंगों की बौछार रही। बच्चों ने भी पिचकारियां छोड़ते हुए छलड़ी का जमकर लुत्फ उठाया। परंपरानुसार कई जगह झोड़ा गायन भी हुआ। होली गीतों के साथ नृत्य की धूम भी रही। यह सिलसिला सुबह से शुरू होकर अपराह्न तक चला।
यहां जोशी खोला, नरसिंहबाड़ी, डुबकिया, धारानौला, दुगालखोला, तल्ला खोल्टा, मल्ला खोल्टा, सरकार की आली, नंदादेवी, चंपानौला, तिलकपुर, तल्ला दन्या, कर्नाटकखोला, पांडेखोला, एनटीडी, बाजार क्षेत्र, ढूंगाधारा, लक्ष्मेश्वर, खत्याड़ी आदि तमाम मोहल्लों में होल्यारों की टीमों ने घर—घर जाकर सुख—समृद्धि के आशीर्वचन दिए और इस गीत के साथ इस साल की होली को विदा किया—
‘आजैकि होली न्है ग्ये छ, फागुन उलौं कै गेछ।
जी रया, जाग रया कै गेछ, फागुन उलौं कै गेछौ..।।’