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हल्द्वानी ब्रेकिंग: फर्जी कंपनी बनाई, गाड़ियां व महंगे सामान लेकर हुए चंपत

👉 धोखाधड़ी के बड़े मामले का नैनीताल पुलिस ने किया खुलासा
👉 दो आरोपी गाजियाबाद से गिरफ्तार, फरार लोगों की तलाश

सीएनई रिपोर्टर, हल्द्वानी: यहां थाना मुखानी में पंजीकृत धोखाधड़ी के मामले में नैनीताल पुलिस के हाथ बड़ी कामयाबी लगी है। फर्जी कंपनी के नाम से लोगों का लाखों रुपये का महंगा सामान, कार, बोलेरो आदि लेकर चंपत हुए दो लोगों का गाजियाबाद उत्तर प्रदेश से पुलिस दबोच लाई है। इनसे वाहन समेत लाखों का सामान बरामद किया है। अभी दो आरोपी फरार हैं।

मामले के मुताबिक थाना मुखानी में 14 सितंबर, 2023 को मुखानी निवासी भुवन​ सिंह, 17 सितंबर को बद्रीपुरा मुखानी​ निवासी विनय रौतेला व 18 सितम्बर को मुखानी निवासी जय कुमार सिंह ने अपनी—अपनी ओर से तहरीर दीं। इन तहरीरों के आधार पर पुलिस ने धारा 420 व 406 भादवि के तहत 03 मुकदमे पंजीकृत किए। इसके पश्चात तीन मुकदमों की विवेचना क्रमश: आम्रपाली चौकी प्रभारी अनील कुमार, लामाचौड़ चौकी प्रभारी सुनील गोस्वामी एवं उप निरीक्षक प्रीती को सौंपी गई।
दो गिरफ्तार और दो आरोपी फरार

पुलिस ने गहन विवेचना की और मामले में लिप्त दो आरोपियों को भोपुराचौक गाजियाबाद से गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार आरोपियों में राज चौधरी पुत्र देवेन्द्र सिंह निवासी राजनगर एक्टैन्शन गाजियाबाद उत्तर प्रदेश तथा विनीत कुमार पुत्र विजयपाल निवासी गाजियाबाद उत्तर प्रदेश है। पुलिस ने बताया ​कि इनमें से राज चौधरी ने अपना नाम बदलकर अंकुश गुप्ता बताया था जबकि विनीत ने अपना नाम बदलकर योगेश रख लिया, जो चालक का कार्य करता है। इनके कब्जे से 01 स्विफ्ट कार, 01 बोलेरो कार, 04 एसी, 04 लेपटॉप, 03 आरओ, 01 गीजर, 04 सोफा कम बैड, 02 चिमनियां बरामद की हैं।मामले में फरार दो आरोपियों दीपक एवं सुशील कुमार उर्फ धन सिंह की गिरफ्तारी के प्रयास चल रहे हैं। पुलिस इन आरोपियों का आपराधिक इतिहास भी खंगाल रही है।
क्या था पूरा मामला!

तहरीर के अनुसार 05 माह पहले कुछ लोगों ने मुखानी क्षेत्र में धनलक्ष्मी इन्टरप्राइजेज नामक कम्पनी खोली। कंपनी के जरिये आर्टिफिशियल ज्वेलरी बनाने संबंधी काम शुरू किया। इन लोगों ने कुछ एजेंट रखे, जो घर-घर जाकर लोगों से संपर्क करते और उन्हें सदस्य बनाते। सदस्य बनाने के लिए 1500—1500 रुपये की सिक्योरिटी भी जमा कराई। इसके बाद इस सदस्यों को कच्चा माल उपलब्ध कराकर मोती की माला बनवाते थे और एक दिन का 100 रुपये प्रति व्यक्ति पगार देते थे। जब धीरे—धीरे यह काम घाटे का सौदा होने लगा, तो इन्होंने विभिन्न दुकानों से महंगा सामान खरीदना शुरू कर दिया और दुकानदारों को दो दिन बाद के चेक थमा दिए। जब दुकानदारों ने बैंक में चेक लगाया, तो पता चला कि चेक में हस्ताक्षर फर्जी हैं। इस पर दुकानदारों ने धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया। ऐसा कई दुकानों में इनके द्वारा किया गया। इसके साथ ही इन्होंने लोगों की गाड़ियां किराए पर लेना शुरू कर दिया। एक व्यक्ति ने अपनी इको गाड़ी इन्हें किराए पर दी, जिसके बदले में उसे इनके द्वारा धनराशि दी गई। इसके अलावा बरसात में रोड ब्लाक होने के कारण दो नई गाड़ियां कंपनी की पार्किंग में लगाई गई और चाभी भी मांग ली। बहाना ये बनाया ​कि जरूरत पड़ने पर गाड़ियां इधर—उधर की जा सकें। इस पर गाड़ी स्वामियों ने विश्वास में चाभी दे दी। जब दो दिन बाद वे लोग अपनी गाड़ी लेने पहुंचे, तो पाया कि गाड़ियां पार्किंग में नहीं हैं। इसके बाद कंपनी के संबंधित व्यक्ति को फोन किया, तो फोन स्विच ऑफ आ रहा था। तब जाकर रपट लिखाई। इस प्रकार दुकानों से महंगे इलेक्ट्रानिक व अन्य सामान लेकर फर्जी चैक देकर इन्होंने सामान लेकर भागने की योजना बनाई तथा कम्पनी के पार्किग में खड़े वाहनों मारुति स्विप्ट कार व बोलेरो लेकर भाग गए।
पुलिस टीम पुरष्कृत

एसएसपी नैनीताल ने धोखाधड़ी के इस मामले के खुलासे करने वाली पुलिस टीम को उत्साहवर्धन के लिए 2500 रूपये के ईनाम से दिया है।पुलिस टीम में थाना मुखानी के उप निरीक्षक सुनील गोस्वामी, उप निरीक्षक फिरोज आलम, कांस्टेबल चन्दन नेगी व उमेश राणा शामिल रहे जबकि एसओजी के प्रभारी राजवीर सिंह, हेड कांस्टेबल त्रिलोक रौतेला, कांस्टेबल दिनेश नगरकोटी, भानु प्रताप जोशी, अशोक रावत व अनिल गिरी शामिल रहे।

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