सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा
अर्से से फार्मासिस्ट संवर्ग का पुनर्गठन कर ढांचा अस्तित्व में नहीं आने, अर्से से पदोन्नति के मौके अवसर नहीं बढ़ने और पदोन्नतियां नहीं हो पाने से डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन उत्तराखंड में असंतोष दबा है। अब संगठन इन मांगों को लेकर फिर मुखर हो चला है। इसी क्रम में आज संगठन के संयोजक मंडल अल्मोड़ा के शिष्टमंडल ने विधानसभा उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह चौहान से मुलाकात की और उनके माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित किया।
ज्ञापन में कहा गया है कि दो वर्षों से असमंजस की स्थिति बनी है और संवर्ग के कार्मिक बिना पदोन्नति के सेवानिवृत्त हो रहे हैं। इस बात पर भी दो दशक से फार्मासिस्ट संवर्ग का पुनर्गठन कर ढांचा स्थापित करने का मामला लटका हैं तथा सेवानियमावली का प्रख्यापन नहीं हो पाया है। ऐसी परिस्थितियों में पदोन्नति के अवसर बेहद कम हो गए हैं। हालत ये कि पहली पदोन्नति ही 36 से 37 साल की सेवा पर हो पा रही है। गौरतलब है कि डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन उत्तराखंड के आह्वान पर संगठन की जिला इकाईयों व संयोजक मंडलों द्वारा मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित कर अपनी प्रमुख मांगों की ओर ध्यानाकर्षण किया जा रहा है और फार्मासिस्ट संवर्ग की लंबित मांगों का अविलंब निदान की मांग की जा रही है।
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इसी सिलसिले में अल्मोड़ा संयोजक मंडल ने यह ज्ञापन प्रेषित किया। ज्ञापन प्रेषित करने वालों में डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन के संयोजक मंडल अल्मोड़ा के अध्यक्ष गंगा सिंह कोरंगा, सचिव डीके जोशी, सदस्य रजनीश जोशी, प्यारे लाल, प्रांतीय उपाध्यक्ष गोकुल सिंह मेहता, चीफ फार्मासिस्ट एमसी अधिकारी व डीएन बनौला आदि शामिल रहे।
सीएम तक पहुंचाई ये मांगें
1— शीघ्र डीपीसी बिठाकर चीफ फार्मासिस्ट व प्रभारी अधिकारी फार्मेसी के पदों पर पदोन्नति की।
2— फार्मासिस्ट संवर्ग का अविलंब पुनर्गठन कर ढांचा स्थापित किया जाए तथा सेवा नियमावली का प्रख्यापन किया जाए।
3— संवर्ग में अपर निदेशक फार्मेसी का एक पद, संयुक्त निदेशक फार्मेसी के तीन पद तथा प्रभारी अधिकारी फार्मेसी व चीफ फार्मासिस्ट के पदों में आनुपातिक वृद्धि करते हुए संवर्ग की राजपत्रित व अराजपत्रित सेवा नियमावली का प्रख्यापन शीघ्र किया जाए।
सीएमओ से भी भेंटकर बताई दिक्कतें
संयोजक मंडल ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी अल्मोड़ा से भी पृथक से मुलाकात की। उन्हें जनपद में फार्मासिस्टों के रिक्त पदों से बढ़ रहे कार्यबोझ और दिक्कतों के बारे में बताया। संयोजक मंडल ने शीघ समस्या समाधान के लिए उपनल या आउटसोर्सिंग के जरिये फार्मासिस्टों की कमी दूर करने का अनुरोध किया।