कविता
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कविता — वह सुबह जरूर आएगी
मई दिवस/अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस पर कवि एडवोकेट कवीन्द्र पन्त, अल्मोड़ा की कविता — आज नहीं तो कल वह सुबह जरूर…
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कवीन्द्र पन्त (एडवोकेट) की कविता — ‘महल’
सुना है,कभी यहांमहल खड़े रहते थे।दुर्भेध्य,जिनकी चाहरदीवारी के भीतरपग वैरी न आने पाते थे।सुंदर सुंदर अप्सराएंलब्ध प्रतिष्ठित नृत्यांगनाएंउनकी सेवा में…
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व्यंग्य लघु कथा : जंगल राज में किसी ने कुछ नहीं देखा
कृष्णा कुमार, तलवंडी, राजस्थान एक दिन जंगल में मंकू सियार की बेटी नूरी नदी पर जल भरने जा रही थी।…
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कविता – महंगाई ने तोड़ी सबकी कमर
महंगाई ने तोड़ी सबकी कमर है,जनता बेचारी फिर परेशान हैं,महंगाई ने छुआ आसमान को है,फिर गरीब जनता के बुरे हाल…
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