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मोटाहल्दू न्यूज : कृष्ण जन्माष्टमी के दिन पूजा अर्चना करने से तीनों जन्मों के पापों का नाश हो जाता है- शास्त्री महेश


मोटाहल्दू। संपूर्ण भारत वर्ष में कृष्ण जन्माष्टमी पर्व पूर्ण आस्था एवं श्रद्धा के साथ मनाया जाती है। लालकुआं बिन्दुखत्ता निवासी शास्त्री महेश चन्द्र जोशी ने बताया कि भगवान विष्णु ने पृथ्वी को पापियों से मुक्त करने के लिए श्री कृष्ण ने अपना अवतार भाद्रपद माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी की मध्यरात्रि में अत्याचारी कंस के विनाश के लिए मथुरा में जन्म लिया। शास्त्री महेश चन्द्र जोशी ने बताया कि कृष्ण जन्माष्टमी के दिन पूजा अर्चना करने से तीनों जन्मों के पापों का नाश हो जाता है, ब्रजमण्डल में श्री कृष्णाष्टमी के दूसरे दिन भाद्रपद कृष्ण नवमी में नंदमहोत्सव अर्थात दधिकांदौ श्रीकृष्ण के जन्म लेने के उपलक्ष्य में बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।

पुराणों व धर्मग्रंथों में कृष्ण जन्माष्टमी व्रत व उत्सव का निर्णय स्मार्त मत ग्रहस्थ और सन्यासी व वैष्णव मत मथुरा वृन्दावन संम्प्रदाय के लिए अलग अलग सिंद्धातों से किया जाता है। गृहस्थ व उत्तरी भारत के लोग कृष्ण जन्माष्टमी व्रत पूजा अर्धरात्रि व्यापिनी अष्टमी रोहिणी नक्षत्र वृषभ लग्न में करते हैं। जबकि वैष्णव मत वाले लोग विशेष कर मथुरा वृन्दावन अन्य प्रदेश में उदरकालिन अष्टमी (नवमी युता) के दिन ही कृष्ण उत्सव मनाते हैं। अर्द्धरात्रि को अष्टमी व रोहिणी नक्षत्र हो या ना हो इस बात को महत्व नहीं देते हैं। शास्त्री महेश चन्द्र जोशी ने बताया कि इस दिन भगवान श्रीकृष्ण को हल्दी, दही, घी, तेल, गुलाबजल, मक्खन, केसर व कपूर आदि भेंट कर भोग लगाकर हर्षोल्लास के साथ कृष्ण जन्माष्टमी मनानी चाहिए।

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