Man-eating tiger imprisoned in a cage
सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा
अल्मोड़ा व नैनीताल जनपद के सीमावर्ती क्षेत्रों में दहशत का पर्याय बन चुका बाघ वन विभाग द्वारा लगाये गये पिंजड़े में कैद हो चुका है। पकड़ा गया यह टाइगर आदमखोर हो सकता है, जिसने हाल में एक महिला की जान ली थी।
प्रभागीय वनाधिकारी महातिम यादव ने बताया कि जिला मुख्यालय के सदूरवर्ती गांव विकासखंड सल्ट के कूपी में लंबे समय से एक टाइगर ने दहशत मचाई हुई थी। यह इलाका रामनगर के संरक्षिक नेशनल पार्क से करीब एक किमी की दूरी पर है। जहां गत दिनों कूपी गांव में मवेशियों के लिए चारा लेने गई एक महिला की जान इस टाइगर ने ले ली थी।
डीएफओ ने बताया कि बाघ को पकड़ने के लिए कई पिंजड़े लगाये गये थे, लेकिन वह हाथ नहीं आ रहा था। एक शिकारी की भी तैनाती की गई थी। उन्होंने बताया कि गत रात्रि एक बाघ वन विभाग द्वारा लगाये गये पिंजरे में कैद हो गया। जिसके बाद डीएफओ व वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और स्थानीय लोगों की मदद से पिंजरे में फंसे टाइगर को रेसक्यू कर सड़क तक पहुंचाया गया। उन्होंने बताया कि इस बाघ का नैनीताल जू में मेडिकल होगा। जिससे यह पता चल पायेगा कि क्या इसी बाघ ने महिला की जान ली थी, अथवा आदमखोर कोई अन्य है।
याद दिला दें कि गत 01 मार्च, मंगलवार को कॉर्बेट टाइगर रिजर्व से लगे विकासखंड सल्ट के कूपी गांव से सटे जंगल में मरचूला के पास महेश सिंह की 59 वर्षीय पत्नी गुड्डी देवी सुबह 11 बजे गांव से कुछ दूर खेतों में मवेशियों के लिए घास काटने गई थी। तभी पहले से ही घात लगाए बैठे बाघ ने गुड्डी देवी पर हमला कर दिया और उसे दूर तक घसीट ले गया जब काफी देर तक महिला घर नहीं लौटी तो परिजनों ने उसकी तलाश शुरू की। तमाम ग्रामीण महिला का आवाज लगाते जंगल में घूमते रहे। फिर एक स्थान पर महिला के हाथों की टूटी चूड़ियों व बिखरे खून के आधार तलाश हुई तो कुछ ही दूर पर महिला का बाघ द्वारा अधखाया शरीर मिल गया। सूचना पर पहुंची वन विभाग व पुलिस की टीम ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। इस घटना के बाद ग्रामीण गुस्सा गये और मृतका का शव सड़क पर रख उन्होंने वन विभाग के खिलाफ प्रदर्शन भी किया था।
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