कैंची धाम के “बाबा बड़े दयालु हैं और नेताजी बड़े चालू हैं”, जानिए क्यों !

हल्द्वानी। अगर आप अल्मोड़ा—भवाली—अल्मोड़ा एनएच से होते हुए गुजरे होंगे तो कैंची धाम पहुंचने से पूर्व जहां—तहां लगी ढेरों फ्लेक्सी, बैनर जरूर देखते होंगे। इनमें…

बाबा बड़े दयालु हैं

हल्द्वानी। अगर आप अल्मोड़ा—भवाली—अल्मोड़ा एनएच से होते हुए गुजरे होंगे तो कैंची धाम पहुंचने से पूर्व जहां—तहां लगी ढेरों फ्लेक्सी, बैनर जरूर देखते होंगे। इनमें बड़े से अक्षर में लिखा होता है, ”बाबा बड़े दयालु हैं।” हां, ऐसा ही कैंची धाम के प्रसिद्ध नीम करोली बाबा के तमाम भक्त मानते हैं। इसमें कोई संदेह नहीं। बावजूद इसके जब बाबा की फोटो के साथ नेता लोगों की बड़ी—बड़ी फोटो दिखती हैं तो लोग कह उठते हैं। हां बाबा बड़े दयालु हैं, पर नेताजी बड़े चालू हैं।

दरअसल, हम यह साफ करना चाहते हैं कि इस तरह के पोस्टर लगाना विधि विरुद्ध तो कतई नहीं है। जो चाहे लगा सकता है बैनर—पोस्टर। इसके बावजूद कानूनी रूप से भले ही नहीं, लेकिन नैतिक रूप से क्या यह उचित है कि बाबा नीम करौली महाराज का ​इस्तेमाल नेता लोग अपने आप को प्रचारित करने के लिए करें। हद तो तब हो रही है, जब इस तरह की फ्लेक्सी में बाबा जी से भी बड़ी फोटो नेता जी की लगी दिखाई दे रही हैं।

बाबा की तस्वीरों का अपने प्रचार के लिए इस्तेमाल क्यों !

ध्यान से देखें तो इस मार्ग पर कई जगह तो बैनर में बाबा की फोटो छोटी पर नेता लोगों की बड़ी—बड़ी फोटो लगी होती हैं। बताना चाहेंगे कि हमारा ध्यान इस ओर यहां से रोज गुजरने वाले कुछ बाबा भक्तों ने ही आकृष्ट किया है। बाबा नीम करौली महाराज को मानने वाले लोगों का कहना है कि बाबा के प्रति उनकी गहरी आस्था है। यदि उनकी तस्वीरों का इस्तेमाल कोई नेता अपने प्रचार—प्रचार के लिए करता है तो यह उचित नहीं है।

यह भी बताना चाहेंगे कि बाबा नीम करौली महाराज के लाखों की संख्या में आने वाले भक्तों का ध्यान आकृष्ट करने के लिए इस तरह की फ्लेक्सी, बैनर, पोस्टर आदि लगाए जाते हैं। अकसर भाजपा—कांग्रेस के नेताओं, ग्राम प्रधानों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, जिला पंचायत सदस्यों या अन्य पंचायत प्रतिनिधियों द्वारा यह प्रचार सामग्री लगवाई गई है।

बाबा के भक्तों ने किया यह आग्रह

बाबा के भक्तों ने इस तरह के बैनर—पोस्टर लगवाने वालों से आग्रह किया है कि वह नैतिक आधार पर बाबा की तस्वीर के साथ अपनी बड़ी—बड़ी फोटो खुद के प्रचार—प्रचास के लिए इस्तेमाल न करें। बाबा तो निश्चित रूप से दयालु हैं, यह बताने के लिए आप अपने को हाईलाइट करने के बजाए सिर्फ बाबा नीम करौली महाराज के विचारों और सिद्धांतों को प्रचारित करें।

नोट — इस ख़बर का उद्देश्य किसी की भावनाओं को आहत पहुंचाना या मजाक उड़ान नहीं है, बल्कि बाबा के भक्तों द्वारा की जा रही शिकायत को जनता के समक्ष रखना है।

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