“आयुष्मान कार्ड आपका सच्चा दोस्त सबसे बड़ा संकटमोचक होगा”: मोदी

गांधीनगर| प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को गुजरात में पीएमजेएवाई-एमए योजना आयुष्मान कार्ड के वितरण की शुरुआत करते हुए कहा कि “आयुष्मान कार्ड आपका सच्चा…

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गांधीनगर| प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को गुजरात में पीएमजेएवाई-एमए योजना आयुष्मान कार्ड के वितरण की शुरुआत करते हुए कहा कि “आयुष्मान कार्ड आपका सच्चा दोस्त सबसे बड़ा संकटमोचक होगा।”

मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए सभा को अपने संबोधन में प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा,“आयुष्मान भारत योजना ने गरीब माताओं और बहनों को भी इस समस्या से मुक्त किया है। यह एक ऐसा एटीएम कार्ड है जो हर साल लाभ देता रहेगा।’

उन्होंने इस लाभ के बारे में विस्तार से बताया कि अगर कोई व्यक्ति 30-40 साल तक जीवित रहेगा तो उस अवधि में 1.5-2 करोड़ रुपये के इलाज की गारंटी होगी। आयुष्मान कार्ड आपका सच्चा दोस्त, सबसे बड़ा संकटमोचक होगा।

उन्होंने इस अवसर पर कहा कि सार्वजनिक स्वास्थ्य के बारे में इतना बड़ा आयोजन धनतेरस और दिवाली से ठीक पहले हो रहा है। उन्होंने इसे एक संयोग बताया कि धनतेरस निकट है और इस अवसर पर भगवान धन्वंतरि की पूजा की जाती है जिन्हें आयुर्वेद का जन्मदाता माना जाता है।

प्रधानमंत्री ने शास्त्रों का हवाला देते हुए ‘आरोग्यं परम भाग्यम’ मंत्र का जाप किया और प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में गुजरात के लाखों लोगों को आरोग्य धन देने के लिए इतने बड़े पैमाने पर आयोजन हो रहा है। ‘सर्वे संतु निरामय’ यानी सभी लोगों के रोगों से मुक्त होने की कामना करते हुए उन्होंने कहा कि आयुष्मान योजना का उद्देश्य सभी के लिए स्वास्थ्य है। राज्य में लोगों को 50 लाख कार्ड बांटने के अभियान की व्यापकता की सराहना की। यह गुजरात सरकार की संवेदनशीलता का प्रमाण है।

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मोदी ने कहा, “हम दुनिया के कई देशों में स्वास्थ्य बीमा के बारे में सुनते आ रहे हैं लेकिन भारत इससे आगे बढ़कर, बेहतर स्वास्थ्य का आश्वासन दे रहा रहा है।’ उन्होंने बदली हुई राजनीतिक सोच और कार्य संस्कृति पर भी प्रकाश डाला। पहले की सरकारों में आम आदमी के हित की योजनाएं महज औपचारिकता बनकर रह गई थीं। इन योजनाओं पर जो पैसा खर्च किया गया वह एक खास क्षेत्र और राजनीतिक हितों को ध्यान में रखकर किया गया। ”

उन्होंने कहा, “इस स्थिति को बदलना आवश्यक था और हमने इस बदलाव का बीड़ा उठाया। आज जब योजना बनाई जाती है तो हम सबसे पहले आम नागरिकों की स्थिति का अध्ययन करते हैं और उनकी जरूरतों का अध्ययन करते हैं। हमारी आज की योजनाएं सीधे आम नागरिकों की जरूरतों को पूरा करती हैं। ‘जब देश के नागरिक सशक्त होते हैं, तो देश शक्तिशाली बनता है। इसलिए हमने आम नागरिक, खासकर देश की महिलाओं को सशक्त बनाने पर ध्यान केंद्रित किया है।”

इसके उदाहरण के रूप में मुफ्त गैस कनेक्शन, पक्के घर, शौचालय, मुफ्त राशन और नल द्वारा पेय जल आपूर्ति की सुविधा को गिनाया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि देश भर में अब तक करीब चार करोड़ गरीब मरीज इस योजना के तहत आरोग्य का लाभ उठा चुके हैं। उन्होंने यह भी कहा कि इसमें से करीब 50 लाख गरीब मरीज गुजरात के हैं। अपनी सरकार के संकल्प के बारे में चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार ने इन लाभार्थियों के इलाज के लिए करोड़ों रुपये खर्च किए हैं। यह देखते हुए कि इस योजना के बाहर इलाज कराने के लिए लाभार्थियों की जेब से पैसा खर्च किया जाता। उन्होंने संतोष व्यक्त किया कि आयुष्मान भारत के लाभार्थियों में से आधे में मां और बहनें हैं।


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