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अल्मोड़ा: दिल्ली में प्राइवेट नौकरी छोड़ी, अब खेती कमा रहे 4 लाख प्रतिवर्ष

✍️ बजगल गांव के सुंदर ने सब्जी उत्पादन को बनाया आजीविका का साधन
✍️ सरकारी योजनाओं का लाभ उठाकर सब्जी उत्पादन से सुधार रहे आर्थिकी

चन्दन नेगी, अल्मोड़ा

जहां कई लोग खेती से विमुख हो रहे हैं, वहीं ऐसे लोग भी हैं, जिन्होंने मेहनत व लगन से यह साबित कर दिखाया है कि खेती आजीविका का बेहतर साधन बन सकती है। ऐसे ही लोगों में गोविंदपुर क्षेत्र के बजगल गांव निवासी सुंदर सिंह शुमार है। जिन्होंने दिल्ली में प्राइवेट नौकरी को छोड़ गांव आकर अपनी जमीन आबाद की और आज वह कृषि से 04 लाख रुपये प्रतिवर्ष आय प्राप्त कर रहे हैं।

विकासखंड हवालबाग अंतर्गत गोविंदपुर क्षेत्र के ग्राम बजगल निवासी सुन्दर सिंह पुत्र भूपाल सिंह पहले दिल्ली में प्राइवेट नौकरी करते थे। इसके बाद वह अपने गांव वापस लौट आए, तो उन्होंने सब्जी उत्पादन को आजीविका का साधन बनाने की ठानी और इस लक्ष्य पर काम करना शुरु किया। उन्होंने अपनी 20 नाली भूमि में शिमला मिर्च, टमाटर, बैगन व मटर समेत हरे पत्तेदार सब्जियों व बेलीय सब्जियों का उत्पादन शुरु किया। साथ ही सरकार की योजना का लाभ उठाते हएु 80 प्रतिशत सब्सिडी पर पॉलीहाउस स्थापित किया और बेमौसमी सब्जियों का उत्पादन भी प्रारंभ कर डाला। इनकी लगन व मेहनत रंग लाई, तो दो वर्षों में सब्जी उत्पादन को उनकी आय का प्रमुख जरिया बन गया है। शुरु के वर्षों में उनकी एक से डेढ़ लाख रुपये प्रतिवर्ष हुई। अपने स्व व्यवसाय में अच्छी सफलता मिलने से उन्होंने विभाग की सहायता से वर्मी कम्पोस्ट पिट भी स्थापित कर लिया और समय समय पर विभाग की सहायता से अन्य कृषि तकनीकों का ज्ञान भी प्राप्त करते रहे। अब उनकी खेती से आय साढ़े तीन लाख से 4 लाख रुपये तक होने लगी है। उनके जज्बे से भविष्य में इस आमदनी में और बढ़ोत्तरी की उम्मीद है। उनकी इस आय की पुष्टि मुख्य उद्यान अधिकारी डॉ. नरेंद्र कुमार की है।

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