सु्प्रीम सुनवाई : किसानों के वकील बोले-पीएम सामने नहीं आ रहे, चीफ जस्टिस बोले- हम उन्हें नहीं बोल सकते

नई दिल्ली। कृषि कानूनों को लेकर चल रहे किसान आंदोलन का मामले पर सुप्रीम कोर्ट में इस समय सुनवाई चल रही है।अदालत में किसानों की…

नई दिल्ली। कृषि कानूनों को लेकर चल रहे किसान आंदोलन का मामले पर सुप्रीम कोर्ट में इस समय सुनवाई चल रही है।
अदालत में किसानों की ओर से एमएल शर्मा ने कहा कि किसान कमेटी के पक्ष में नहीं हैं, हम कानूनों की वापसी ही चाहते हैं।
एमएल शर्मा की ओर से अदालत में कहा गया कि आजतक पीएम उनसे मिलने नहीं आए हैं, हमारी जमीन बेच दी जाएंगी। जिसपर चीफ जस्टिस ने पूछा कि जमीन बिक जाएंगी ये कौन कह रहा है? वकील की ओर से बताया गया कि अगर हम कंपनी के साथ कॉन्ट्रैक्ट में जाएंगे और फसल क्वालिटी की पैदा नहीं हुई, तो कंपनी उनसे भरपाई मांगेगी।
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सांसद तिरुचि सीवा की ओर से जब वकील ने कानून रद्द करने की अपील की तो चीफ जस्टिस ने कहा कि हमें कहा गया है कि साउथ में कानून को समर्थन मिल रहा है। जिसपर वकील ने कहा कि दक्षिण में हर रोज इनके खिलाफ रैली हो रही हैं। चीफ जस्टिस ने कहा कि वो कानून सस्पेंड करने को तैयार हैं, लेकिन बिना किसी लक्ष्य के नहीं।
किसानों के एक वकील ने कहा कि इस तरह का मानना है कि कमेटी मध्यस्थ्ता करेगी। जिसपर चीफ जस्टिस ने कहा कि कमेटी मध्यस्थता नहीं करेगी, बल्कि मुद्दों का समाधान करेगी।
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अदालत में हरीश साल्वे की ओर से कहा गया कि 26 जनवरी को कोई बड़ा कार्यक्रम ना हो, ये सुनिश्चित होना चाहिए। जिसपर चीफ जस्टिस ने कहा कि दुष्यंत दवे की ओर से पहले ही कहा जा चुका है कि रैली-जुलूस नहीं होगा। हरीश साल्वे ने इसके अलावा सिख फॉर जस्टिस के प्रदर्शन में शामिल होने पर आपत्ति जताई और कहा कि ये संगठन खालिस्तान की मांग करता आया है।

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