सीएनई रिपोर्टर, बागेश्वर
जिला पंचायत सदस्यों ने जिला पंचायत परिसर में अनिश्चितकालीन धरना दिया। उन्होंने जिला पंचायत पर अनियमितता का आरोप लगाया। जिला पंचायत अध्यक्ष के विवेकाधीन कोष पर भी सवाल उठाए। सदस्यों ने कहा कि जिपं रिमोर्ट कंट्रोल से संचालित हो रही है और अपने समर्थकों को बिना काम पूरे हुए भुगतान किया जा रहा है।
सोमवार को जिला पंचायत सदस्य जिला पंचायत परिसर पहुंचे और नारेबाजी के साथ धरने पर बैठ गए हैं। उन्होंने कहा कि सुबह दस से शाम पांच बजे तक अनिश्चितकालीन धरना मांग पूरी होने तक चलेगा। पूर्व जिपंअ हरीश ऐठानी ने कहा कि अबकी बार जिपं रिमोर्ट कंट्रोल से संचालित की जा रही है। जितनी चंबी भरी जा रही है उतने ही फैसले लिए जा रहे हैं। पहली बार जिपं के इतिहास में सदस्यों का विरोध सदन से सड़क पर आया है। अपने समर्थकों को भुगतान किया जा रहा है। योजनाएं भुगतान के बावजूद भी धरातल पर नहीं उतर रही हैं।
पिंडर पुल से डोला तक सड़क का निर्माण हुआ, लेकिन वह चलने लायक नहीं है। फिर सड़क के लिए तीन लाख रुपये की धनराशि स्वीकृत कर दी गई है। अपर मुख्य अधिकारी ने तीन दिन का समय दिया था। लेकिन वह भी अब नदारद हैं। जिपं सदस्य गोपा धपोला ने कहा कि सदन में 20 प्रतिशत विवेकाधीन कोष की बात हुई थी। फिर 30 प्रतिशत अधिक कर दिया गया और पांच प्रतिशत मुख्यमंत्री हेल्पलाइन में व्यय किया जा रहा है।
जिपंअ बजट का 55 फीसद स्वयं अपने पास रख रहे हैं। जिससे विकास कार्य प्रभावित हो गए हैं। उन्होंने कहा कि जिला पंचायत की अनियमितताओं की जांच होनी चाहिए और सभी सदस्यों को समान रूप से सम्मान मिलना चाहिए। इस दौरान जिपंस रूपा कोरंगा, सुरेंद्र खेतवाल, पूजा देवी, वंदन ऐठानी, इंद्रा परिहार, रेखा देवी, जिपंउ नवीन परिहार, पूर्व विधायक ललित फर्स्वाण, गिरीश कोरंगा आदि मौजूद थे। उधर, ग्राम प्रधान संगठन के भूपेश ऐठानी, हिमांशु खाती आदि ने जिपं सदस्यों के आंदोलन को अपना समर्थन दिया।
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