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विजयादशमी: अल्मोड़ा में निकला रावण परिवार के कलात्मक व भव्य पुतलों का जुलूस

👉 राम की झांकी पर लोगों की पुष्पवर्षा, देखने के उमड़े लोग
👉 दशहरा महोत्सव की धूम, सैलानियों ने भी उठाया लुत्फ

सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा: सांस्कृतिक नगरी के नाम से मशहूर अल्मोड़ा आज दशहरा महोत्सव की धूम से लबरेज रहा। लंकेश समेत रावण परिवार के करीब डेढ़ दर्जन पुतलों का ढोल—नगाड़ों के साथ भव्य जुलूस निकला। हजारों दर्शक इस जुलूस के गवाह बने।

नगर की पुतला समितियां अपने-अपने पुतलों के साथ अपराह्न यहां माल रोड स्थित शिखर तिराहे पर एकत्रित हुए। जहां दशहरा महोत्सव के तहत पुतलों के जुलूस का उद्घाटन हुआ। उद्घाटन संस्कार सांस्कृतिक समिति अल्मोड़ा के अध्यक्ष/वरिष्ठ रंगकर्मी प्रकाश बिष्ट ने किया। इस मौके पर सांसद अजय टम्टा, विधायक मनोज तिवारी, पालिकाध्यक्ष प्रकाश चंद्र जोशी अति विशिष्ट अतिथि त​था पूर्व विधायक रघुनाथ सिंह चौहान, पालिका की पूर्व अध्यक्ष शोभा जोशी विशिष्ट अतिथि के रुप में मौजूद रहे। अध्यक्षता दशहरा महोत्सव समिति के अध्यक्ष अजीत कार्की व संचालन वैभव पांडे व हरीश कनवान ने किया। पुतलों के उद्घाटन के मौके पर अतिथि वक्ताओं ने कहा ​कि अल्मोड़ा का दशहरा महोत्सव पूरे देश में खासा स्थान रखता है। उन्होंने इसे भव्य रुप देते हुए राज्य स्तरीय मेला घोषित किए जाने पर जोर दिया। देर शाम पुतलों का जुलूस बाजे—गाजे के साथ निकला। एक के बाद एक पुतले कतारबद्ध तरीके से आगे बढ़े। शनै:-शनै: करीब डेढ़ किमी लंबी मुख्य बाजार में आगे बढ़ते चले गया। पुतला निर्माण समितियों की युवा टोलियां ढोल-मजीरे व बैंड-बाजे की धुनों पर थिरकते निकले।

बच्चे, बूढ़े व महिलाओं समेत हजारों की तादाद लोग में जुलूस देखने बाजार में उमड़े। बाजार मार्ग के दोनों तरफ ही नहीं बल्कि दुकानों, घरों व भवनों के छतों व बालकनी में जमावड़ा लगा रहा। देर रात इन पुतलों के एसएसजे परिसर अल्मोड़ा के जुलॉजी डिपार्टमेंट के मैदान में पहुंचने पर दहन किया जाएगा। इस बार हेमवती नंदन बहुगुणा स्टेडियम में निर्माण कार्य के चलते पुतला दहन का स्थान बदला गया है जबकि सांस्कृतिक कार्यक्रम जीआइसी मैदान अल्मोड़ा में किए जा रहे हैं। इस बार रावण, अक्षय कुमार, ताड़िका, त्रिसरा, देवांतक, ताड़िका, खर, मारीच, मकरासुर, दूषण, अतिकाय, कालकासुर, मेघनाथ अहिरावण आदि के पुतले बने हैं। अल्मोड़ा में दशहरा महोत्सव की विशिष्टता ऐसी है कि हर साल देशी-विदेशी पर्यटक भी इसे देखने यहां पहुंचते हैं। उन्होंने इस अनूठे नजारे को अपने कैमरों में कैद किया।
यहां के कलात्मक पुतले मशहूर

सांस्कृतिक नगरी अल्मोड़ा में दशहरा महोत्सव की परंपरा दशकों पुरानी व अनूठी है। बताया जाता है कि पूरे देश में मैसूर व कुल्लू मनाली के बाद के बाद अल्मोड़ा दशहरा महोत्सव का तीसरा स्थान है। यहां निर्मित कलात्मक पुतले पूरे देश में मशहूर हैं। स्थानीय हुनरमंद कई दिनों की मेहनत से इन्हें खुद तैयार करते हैं।
राम की झांकी ​रही आकर्षण

सांस्कृतिक नगरी में दशहरा महोत्सव में भगवान राम व लक्ष्मण की झांकी भी आकर्षण का केंद्र रही। महोत्सव को देखने पहुंचे श्रद्धालु भगवान राम का आशीर्वाद लेने के लिए झांकी के पास पहुंचे। बाजार में जिस क्षेत्र से भी झांकी गुजरी, वहां महिलाएं अपने घरों की छतों से झांकी पर पुष्प वर्षा कर रही थी। रावण वंश का नाश कर विजय के प्रतीक स्वरूप जुलूस के पीछे भगवान राम, लक्ष्मण व सीता की मनोहारी झांकी शामिल थी।
उद्घाटन में प्रमुख लोग

उद्घाटन के मौके पर कोआपरेटिव बैंक के अध्यक्ष ललित लटवाल, आनंद सिंह बगडवाल, मनोज सनवाल, पूर्व दर्जामंत्री केवल सती, भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष रवि रौतेला, विनीत बिष्ट, जेसी दुर्गापाल, कैलाश गुरुर्रानी, पूर्व दर्जा राज्यमंत्री गोविंद पिलखवाल, दीप लाल साह, मनोज जोशी, राजेंद्र तिवारी, अमरनाथ सिंह नेगी, कांग्रेस जिलाध्यक्ष भूपेंद्र भोज, महिला कांग्रेस अध्यक्ष राधा बिष्ट, मनोज वर्मा आदि समेत विभिन्न पुतला समितियों के लोग शामिल रहे।

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