पूर्व सीएम हरीश रावत ने दिया समर्थन
बोले अभियंता ”युवा मुख्यमंत्री के तथाकथित सलाहकार उन्हें कर रहे गुमराह”
सीएनई रिपोर्टर, देहरादून
लोक निर्माण विभाग में संविदा पर कार्यरत कनिष्ठ अभियन्ता अपनी नियमितीकरण की मांग को लेकर आज जोरदार प्रदर्शन करते हुए सीएम आवास को कूच किया। हालांकि पुलिस द्वारा रोके जाने पर हड़ताली संविदा इंजीनियर सर्वे ऑफ इंडिया के गेट के पास सड़क पर ही बैठ गये। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल सहित कई शीर्ष नेतागण कनिष्ठ अभियंताओं के आंदोलन को समर्थन देने पहुंचे।
तय कार्यक्रम के अनुसार आज रविवार को तमाम संविदा कनिष्ठ अभियंता यहां गांधी पार्क में एकत्र हुए, जहां से मुख्यमंत्री आवास घेराव हेतु कूच किया गया। कूच करने से पूर्व सभी अभियंताओं ने गांधी पार्क में एकत्र होकर सभा भी की। इसके बाद राजपुर रोड से हाथीबड़कला होते हुए मुख्यमंत्री आवास की तरफ बढ़े, लेकिन पुलिस ने उन्हें सर्वे ऑफ इंडिया के गेट के पास सड़क पर रोक दिया। जिससे अक्रोशित अभियंता सड़क पर ही बैठ गए।
अभियंताओं की रैली को पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने संबोधन कर अपना पूर्ण समर्थन प्रदान किया। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल व पीडब्ल्यूडी मिनिस्ट्रियल एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष सुभाष देवयाल जी ने भी रैली में आकर अपना समर्थन दिया। अभियंताओं ने आरोप लगाया कि युवा मुख्यमंत्री के तथाकथित सलाहकार उन्हें गुमराह कर रहे हैं। युवा अभियंताओं की आवाज को दबाने का प्रयास कर रहे हैं
तथा उनकी जायज मांगों को नहीं माना जा रहा है। इन युवाओं ने 7 से 12 वर्षों तक जीवन के स्वर्णिम समयकाल को इस राज्य के विकास में लगा दिया। राज्य से पलायन न कर अल्प वेतन में राज्य की सेवा करना चुना, मगर सरकारों ने केवल शोषण ही किया। आज अब ये युवा अपने हक के लिए सड़कों पर उतरने को मजबूर हैं।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री कल देहरादून में जिन योजनाओं का लोकार्पण कर रहे थे। उन योजनाओं को शिलान्यास से लोकार्पण तक पहुंचाने में इन अभियंताओं का अभूतपूर्व योगदान है। सरकार इनके कार्यों से वाहवाही तो लेती है, मगर इनके भविष्य निर्माण के लिए कोई सकारात्मक कदम अभी तक नहीं उठा सकी।
उल्लेखनीय है कि आज अभियंताओं की अनिश्चितकालीन हड़ताल का 20 वां दिन है। अभियंताओं के हड़ताल पर चले जाने के कारण पहाड़ो में विकास कार्यों पर बुरा असर पड़ गया है। सारे विकास कार्य ठप्प पड गये हैं। जनप्रतिनिधियों द्वारा भी विभाग पर अब दबाव बनाना प्रारंभ कर दिया गया है कि विभागीय संविदा कनिष्ठ अभियंताओं की मांगों को सरकार को अतिशीघ्र माना जाना चाहिए। उधर पहाड़ों में कई नए कार्यों की स्वीकृतियां जो शासन ने दी थीं। उन में कोई कार्य प्रारंभ नहीं हो पाए हैं। सारे कार्य ठप पड़े हैं, जबकि विधानसभा चुनावों का समय नजदीक है सरकार की योजनाएं धराशाई होती दिख रही हैं। कूच करने वालों में सूरज डोभाल, नरेंद्र सिंह, संदीप तिवारी, मनोज ग्याड़ा, पूरण रावत, नरेंद्र सकलानी, आशीष पंवार, अरुण मनोड़ी, बुद्धिराम भट्ट सहित बड़ी संख्या में संविदा अभियंता शामिल रहे।
अभियंताओं का कहना है कि यदि सरकार द्वारा अभी भी उनकी मांगों पर सकारामत्मक कार्यवाही नहीं होती है तो मुख्यमंत्री कार्यालय के समक्ष भूख हड़ताल ओर आत्मदाह करने पर मजबूर होंगे। इसकी जिम्मेदारी शासन—प्रशासन की होगी।