रामनगर। 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में विजय प्राप्ति के 50 वर्ष पूर्ण होने पर पूरे भारतवर्ष में भारतीय सेना द्वारा स्वर्णिम वर्ष विजय पर्व मनाया जा रहा है। इस युद्ध में उत्तराखण्ड के 248 वीर सपूतों ने अपना सर्वोच्च बलिदान दिया था। इसी क्रम में मशाल यात्रा आज सुबह रामनगर पहुंची तो देशभक्ति के गीतों और राष्ट्रभक्ति के नारों से रामनगर शहर गुंजायमान हो उठा।
कर्नल अमित मोहन, स्टेशन कमाण्डर हल्द्वानी के नेतृत्व में सेना में सेवारत 42 अधिकारी वह जवानों की टीम मशाल यात्रा लेकर शहीद मनीराम शर्मा, (सेना पदक मरणोपरांत) व शहीद नायक लीलाम्बर पाण्डे के घर पहुंची जहां शहीद मनीराम शर्मा की वीरांगना किशोरी देवी और शहीद लीलाम्बर पाण्डे की वीरांगना मुन्नी देवी को प्रशस्ति पत्र व सैनिक सम्मान के साथ सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर कर्नल डी एस बिष्ट, सूबेदार एन एस मेहरा, पूर्व सैनिक संगठन के अध्यक्ष सूबेदार मेजर नवीन चन्द्र पोखरियाल, उपाध्यक्ष सूबेदार मेजर कुलवंत सिंह रावत, ब्लाक प्रतिनिधि चन्द्र मोहन सिंह मनराल, कैप्टन हरेंद्र सिंह बिष्ट, राष्ट्रपति द्वारा दो बार सेना पदक से सम्मानित कम्पनी हवलदार मेजर भारत सिंह रावत, सार्जैंन्ट कैलाश चन्द्र पाण्डे, हवलदार अजय शर्मा, पूर्व सैनिक एवं पार्षद भुवन सिंह डंगवाल, रवींद्र डंगवाल सहित कई पूर्व सैनिक वह शहर के गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। वहीं दूसरी ओर 1971 के युद्ध में शामिल होने वाले पूर्व सैनिकों ने व अन्य अधिकारी वह जवानों ने इस अवसर पर उनके अनुभव साझा न कर पाने और उन्हें इस अवसर पर न बुलाए जाने पर काफी रोष भी धर्म-कर्म किया।