हल्द्वानी। राज्य सूचना आयोग ने आरटीआई का सही जवाब ने देने पर नगर निगम के लोक सूचना अधिकारी को तलब किया है। शहर के आरटीआई कार्यकर्ता सैफ अली सिद्दीकी ने 24 दिसंबर 2019 को सूचना के अधिकार अधिनियम-2005 के तहत हल्द्वानी शहर के वार्ड संख्या-15, 24, 25, 26, 29, 31, 32, 59, एवं 60 में कितने भवन करदाता हैं उनका नाम, पिता का नाम, पते एवं भवन संख्या की सूचना चाही थी। उन्होंने यह भी सूचना मांगी थी कि उक्त वार्डों में भवन कर किस शासनादेश के तहत निर्धारित किया गया है, जिसका जवाब 28 दिसंबर 2019 को गलत दिया गया। उन्होंने यह भी बताया कि सूचना देने के एवज में 3300 सौ रूपये का पत्र उन्हें 03 जनवरी 2020 को भेजा गया।
सैफ ने बताया कि सूचना का सही जवाब न मिलने पर उन्होंने 3 जनवरी 2020 को प्रथम विभागीय अपीलीय अधिकारी, विजेन्द्र सिहं चौहान, सहायक नगर आयुक्त नगर निगम हल्द्वानी के समक्ष प्रथम अपील की। जिसमें 10 जनवरी 2020 को लोक सूचना अधिकारी एवं अपीलार्थी को नोटिस जारी कर 17 जनवरी 2020 को सुनवाई के लिए बुलाया गया। सिद्दीकी ने बताया कि 17 जनवरी को प्रथम विभागीय अपीलीय अधिकारी के समक्ष सुनवाई हुई जिसके उपरांत उक्त प्रथम अपील की सुनवाई का निर्णय सैफ को 28 जनवरी 2020 को प्राप्त हुआ।
जिसमें लोक सूचना अधिकारी पूजा, कर अधीक्षक नगर निगम हल्द्वानी की दी गई सूचना को ही सही ठहराया गया। सैफ ने बताया कि इसके उपरांत उन्होंंने 7 फरवरी 2020 को राज्य सूचना आयोग देहरादून के मुख्य सूचना आयुक्त शत्रुघ्न सिंह के समक्ष द्वितीय अपील प्रस्तुत की। राज्य सूचना आयोग ने मामले का संज्ञान लेते हुए आयोग के प्रभारी सचिव बंशीलाल राणा ने लोक सूचना अधिकारी को 13 नवंबर 2020 को आयोग मेे तलब किया है।
सैफ ने बताया कि वनभूलपुरा मेें नगर निगम के विभिन्न वार्ड हैं, जिनसे नगर निगम भवन कर वसूलता है। कई भवन ऐसे हैं जो नगर निगम की नजूल एवं रजिस्ट्री की भूमि पर हैं जिसे रेलवे अपनी भूमि होने का दावा करता है। उनका कहना है कि लोक सूचना अधिकारी द्वारा सूचना का सही जवाब न देने की दशा में सूचना की पहुंच में बाधा उत्पन्न की गई है जो गम्भीर अपराध की श्रेणी में आता है।
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