किच्छा। वरिष्ठ किसान नेता सुरेश पपनेजा ने कहा कि केंद्र सरकार केवल कृषि कानून में सुधार करने का ढोल पीटने का काम कर रही है, जबकि जमीनी स्तर पर धान की खरीद एमएसपी के आधार पर नहीं हो रही है और किसानों का खुला शोषण किया जा रहा है। जारी बयान में पपनेजा ने कहा कि सरकार द्वारा धान की खरीद के लिए एमएसपी के अनुसार 1868 रुपए का मूल्य निर्धारित किया है, बावजूद इसके बाजार में 900 से 1300 रुपए तक धान की खरीद कर किसानों का खुला शोषण किया जा रहा है। उन्होंने आगे कहा कि वर्तमान में कंबाइन मशीन के माध्यम से धान की कटाई हो रही है, ऐसी स्थिति में धान में 17 प्रतिशत से अधिक की नमी होना स्वभाविक है और नमी के अनुसार भी किसानों को 1600 रुपए से लेकर 1750 रुपए के बीच का भाव मिलना चाहिए,
परंतु कच्चे आडतियों व मिल मालिकों द्वारा धान में कमी निकाल कर सस्ते दामों पर धान की खरीद की जा रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि बिल्कुल सूखा तथा अच्छा धान होने के बावजूद भी किसानों को धान का सही मूल्य नहीं मिल रहा है, बावजूद इसके भाजपा सरकार तथा अधिकारियों को किसानों की समस्याओं तथा उनकी मेहनत की कोई चिंता नहीं है और भाजपा सरकार कृषि कानून बनाकर अपनी वाहवाही का ढोल पीटने का काम कर रही है, जबकि जमीनी स्तर पर किसानों की हालत लगातार बदतर हो रही है।
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