किच्छा। केंद्र सरकार द्वारा पारित किए गए कृषि अध्यादेश के विरोध में वरिष्ठ किसान नेता सुरेश पपनेजा के नेतृत्व में दर्जनों कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने नगर स्थित कृषि मंडी समिति में केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए जोरदार धरना प्रदर्शन किया। कृषि अध्यादेश के विरोध में वरिष्ठ किसान तथा कांग्रेसी नेता पपनेजा के नेतृत्व में दर्जनों कार्यकर्ता तथा किसान मंडी समिति गेट पर एकत्रित हुए। जहां उन्होंने धरना देते हुए नारेबाजी कर केंद्र सरकार पर किसान विरोधी होने का आरोप लगाया।
कांग्रेसी नेता पपनेजा ने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार देश के किसानों का उत्पीड़न तथा शोषण कर रही है और केंद्र सरकार कृषि अध्यादेश की आड़ में देश की मंडियों को बंद कर उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाने की साजिश रच रही है, जिसे किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पूरे देश में केंद्र सरकार के खिलाफ भारी रोष व्याप्त है। किसान कांग्रेस कमेटी के प्रदेश उपाध्यक्ष जितेंद्र सिंह संधू व वरिष्ठ कांग्रेसी नेता हाजी सरवर यार खान ने कहा कि भारत देश कृषि प्रधान देश है और देश का किसान देश की रीढ़ है, बावजूद इसके केंद्र सरकार की गलत नीतियां देश की रीढ की हड्डी को प्रभावित करने का काम कर रही है, जिसका असर देश की अर्थव्यवस्था पर पढ़ रहा है।
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार पारित अध्यादेश को किसानों के हित में होने का दावा कर रही है, परंतु जब देश का किसान ही कृषि अध्यादेश का विरोध कर रहा है तो ऐसी स्थिति में केंद्र सरकार किसानों के ऊपर कृषि अध्यादेश को जबरन थोपने का प्रयास क्यों कर रही है? उन्होंने कहा कि जब तक पारित अध्यादेश को वापस नहीं लिया जाएगा, उनका आंदोलन जारी रहेगा।
इस मौके पर वरिष्ठ कांग्रेसी नेता सुरेश पपनेजा सहित ब्लॉक अध्यक्ष गुड्डू तिवारी, पूर्व जिला अध्यक्ष नारायण बिष्ट, पूर्व दर्जा राज्यमंत्री डॉ. गणेश उपाध्याय, बंटी पपनेजा, अरुण शुक्ला किन्नू, रामबाबू प्रधान, राजेंद्र पपनेजा, दलीप सिंह बिष्ट, संजीव कुमार, नरेंद्र सिंह कामरा, महिपाल सिंह बोरा, विनोद कोरंगा, अक्षय बाबा, सरनजीत सिंह, प्रभु दत्त जोशी, विनोद जोशी, प्रकाश राम, सरताज अली गुड्डू, राजेंद्र पपनेजा, श्याम बिष्ट व फिरदोस सलमानी सहित तमाम लोग मौजूद थे।
मंडी समिति में प्रदर्शन के दौरान कार्यक्रम आयोजक वरिष्ठ कांग्रेसी नेता सुरेश पपनेजा ने प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि किसानों के आंदोलन से केंद्र सरकार तथा राज्य सरकार घबरा गई है और किसानों के आंदोलन को कमजोर करने का भाजपा सरकार द्वारा प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि उनके द्वारा गत दिवस कृषि बिल के विरोध में ट्रैक्टर रैली तथा धरना प्रदर्शन की अनुमति ली गई थी, परंतु देर शाम प्रदेश सरकार के दबाव में एसडीएम किच्छा ने ट्रैक्टर रैली की परमिशन को निरस्त कर दिया। उन्होंने कहा कि ट्रैक्टर रैली की परमिशन को निरस्त कर प्रदेश सरकार किसानों की आवाज को दबाने का प्रयास कर रही है, परंतु अपनी मांगों को लेकर किसानों का चल रहा आंदोलन किसी कीमत पर कमजोर नहीं होगा और अध्यादेश वापस करने की मांग को लेकर किसानों का आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने प्रशासन पर प्रदेश सरकार के दवाब में काम करने का आरोप लगाया।