शादी के 34 दिन बाद सैनिक पति की हादसे में मौत; दुःख को बनाया शस्त्र और फिर सेना में अफसर बनीं सोनी बिष्ट

हल्द्वानी | शादी के बाद एक नवविवाहित महिला अपनी जिंदगी को लेकर काफी सपने बुनती हैं। अपना भविष्य, अपना नया परिवार बनाती है। उसकी डोर होता है उसका वो हमसफर जिसके लिए वो पूरा परिवार पीछे छोड़कर नए जीवन में प्रवेश करती है। लेकिन दुर्भाग्यवश अगर वो हमसफर ही साथ छोड़ जाए तो…? हल्द्वानी की सोनी बिष्ट ने भी जीवन में ऐसा ही दुख झेला है। हालांकि, जीवन के सबसे बड़े दुख से उबरकर आज सोनी ने अपने परिवार के साथ-साथ अपने जीवनसाथी का नाम भी ऊंचा किया है। ये कहानी है लेफ्टिनेंट सोनी बिष्ट की।
वो साल था 2023, जब सोनी बिष्ट की शादी उधमसिंह नगर के खटीमा निवासी नीरज भंडारी से हुई थी। नीरज सेना में थे। 18 कुमाऊं रेजिमेंट में सैनिक पद पर तैनात थे। दोनों ने शादी के बाद अपने नए जीवन को लेकर कई सपने संजोए थे लेकिन शायद ईश्वर को कुछ और मंजूर था। शादी को अभी 34वां दिन ही हुआ था कि एक दर्दनाक हादसे के कारण सोनी और नीरज का साथ छूट गया। नीरज की असमय मौत ने सोनी को गहरा सदमा दिया।
इस समय सोनी का परिवार उसकी हिम्मत बनकर उसके साथ खड़ा रहा। वक्त लगा और सोनी भी इस सदमे से जैसे-तैसे उबर गई। लेकिन उसने अपने पति के नक्शेकदम पर ही चलने का फैसला कर लिया। 8 मार्च 2025 को करीब दो साल बाद सोनी सेना में लेफ्टिनेंट बन गई हैं और अब उनका मकसद देश की सेवा करना है।
सोनी की संघर्षों भरी कहानी
उत्तराखंड की बेटियां आज हर क्षेत्र में उत्तराखंड की नाम रोशन कर रही है। अपने कठिन परिश्रम और मेहनत के बलबूते आए दिन किसी ना किसी क्षेत्र में मुकाम हासिल करती रहती है। ऐसी ही संघर्षों को पार कर हल्द्वानी की सोनी बिष्ट आज सेना में लेफ्टिनेंट बनकर देश की सेवा करने जा रही हैं।
शनिवार 8 मार्च को चेन्नई स्थित ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी (OTA) में आयोजित पासिंग आउट परेड में सोनी बिष्ट बतौर अफसर शामिल हुईं। अब वो आर्मी ऑर्डनेंस कॉर्प्स में अपनी सेवाएं देंगी। इस दौरान उनके माता-पिता कुंदन सिंह बिष्ट और मालती बिष्ट साथ मौजूद रहे। उनके भाई राहुल बिष्ट भी उनका हौसला बढ़ाने पहुंचे। सोनी मूल रूप से ग्राम दारर्सिंग पट्टी नाकुरी जिला बागेश्वर की रहने वाली हैं। पिता कुंदन सिंह बिष्ट 13 गॉर्डस रजिमेंट से सूबेदार रिटायर्ड हैं।
सोनी को पिता ने दिया हौसला
18 कुमाऊं रेजिमेंट में सैनिक पद पर तैनात नीरज से शादी के 34 दिन बाद ही एक सड़क हादसे में सोनी ने अपने पति को गंवा दिया था। इस हादसे से सोनी पूरी तरह टूट गई थीं, लेकिन उन्होंने अपने जीवन को नए लक्ष्य के साथ आगे बढ़ाने की ठानी। पति के सपने को पूरा करने और उनकी यादों को जिंदा रखने के लिए उन्होंने भारतीय सेना में अफसर बनने का फैसला किया। सोनी को इस बीच को कुमाऊं रेजिमेंट में ‘वीर नारी एंट्री’ की जानकारी मिली और उन्होंने इसमें आगे जाने का फैसला किया। इसमें सोनी को उनके पिता कुंदन सिंह बिष्ट ने ये मार्ग चुनने के लिए प्रेरित किया।
सैनिक पृष्ठभूमि से आती हैं सोनी बिष्ट
सोनी बिष्ट का पूरा परिवार सैनिक बैकग्राउंड से है। उनके पिता सेवानिवृत्त सूबेदार कुंदन सिंह ने उन्हें आगे बढ़ने का हौसला दिया और हमेशा बच्चों के साथ खड़े रहे। सेना के सहयोग और पिता के हौसले से सोनी आज सेना में अधिकारी बन गई है। सोनी बिष्ट के सेना में अफसर बनने के बाद जहां परिवार में खुशी का माहौल है तो वहीं सोनी बिष्ट को पति का खोने का भी गम है।
हम मूलरूप से बागेश्वर बनलेख डारसिंग के रहने वाले हैं। मेरे दो बच्चों में एक लड़का और एक लड़की है। घटना के बाद हमने बेटी को आगे बढ़ने की हिम्मत दी। मैं खुद आर्मी में रहा हूं। साल 2022 में मैं आर्मी में 13 गार्ड रेजिमेंट से सूबेदार पोस्ट से रिटायर्ड हुआ। सोनी बिष्ट के दादा स्वर्गीय हरक सिंह बिष्ट भी पूर्व में सेना से ऑर्डिनरी कैप्टन पद पर रहे। साल 2 दिसंबर 2023 में सोनी की शादी हुई थी। उसके एक महीने के बाद उनके पति की रोड एक्सीडेंट में मौत हो गई। उसके बाद बेटी को आगे बढ़ने की प्रेरणा दी। हादसे के छह माह बाद मेरे बेटे राहुल सिंह बिष्ट को भी पैरालिसिस हो गया था, जिसका अभी भी इलाज चल रहा है। दुख की घड़ी में परिवार ने कभी हिम्मत नहीं हारी और बच्चों के साथ खड़े रहे। – कुंदन सिंह, सोनी बिष्ट के पिता –
बता दें कि, पासिंग आउट परेड को बाद सोनी ने आर्मी ऑर्डनेंस कॉर्प्स में बतौर अफसर अपना कार्यभार संभाला है। सोनी को असम में उनकी पहली पोस्टिंग मिली है। सोनी बिष्ट के साथ ही 24 अन्य महिला अधिकारी कैडेट्स सहित 154 अधिकारी कैडेट्स पासिंग आउट परेड के बाद अफसर बने हैं।