बागेश्वर: गांव को कोई लाभ नहीं, फिर भी स्वीकृत हो गई पुल व सड़क

✍️ गुस्साए ग्रामीण धमके कलेक्ट्रेट, बोले— यह स्वीकृति गांव के लिए विनाशकारी ✍️ मनमानी कतई सहन नहीं करेंगे, एकजुट होकर करेंगे आंदोलन सीएनई रिपोर्टर, बागेश्वर:…

गांव को कोई लाभ नहीं, फिर भी स्वीकृत हो गई पुल व सड़क

✍️ गुस्साए ग्रामीण धमके कलेक्ट्रेट, बोले— यह स्वीकृति गांव के लिए विनाशकारी
✍️ मनमानी कतई सहन नहीं करेंगे, एकजुट होकर करेंगे आंदोलन

सीएनई रिपोर्टर, बागेश्वर: बसकूना के ग्रामीणों ने सारीखेत में जिला योजना के तहत स्वीकृत पुल तथा सड़क को निरस्त करने की मांग की। ग्रामीणों ने कहा कि एक व्यक्ति के लिए यह पुल तथा सड़क बनाई जा रही है। जिससे गांव को कोई लाभ नहीं है। सड़क तथा पुल बनने से गांव का विकास नहीं विनाश होगा। जिसे वह कतई सहन नहीं कर सकते हैं।

सोमवार को ग्रामीण कलक्ट्रेट पहुंचे। उन्होंने नारेबाजी के साथ प्रदर्शन किया। कहा कि बसकूना गांव में नियम, कानून की हदें पार कर दी हैं। वन पंचायत तथा सरकारी भूमि पर सड़क तथा पुल स्वीकृत कर दिया गया है। जहां क्रसर लगाने की तैयारी है। पुल तथा सड़क से गांव वालों को कोई लाभ नहीं है। उन्होंने कहा कि संबंधित व्यक्ति गांव वालों को डराता तथा धमकाता है और प्रभावशाली होने के कारण यह सड़क तथा पुल जिला योजना में स्वीकृत हुई है। उन्होंने भूमि समतलीकरण करने में गांव का नाप रास्ता ध्वस्त करने का आरोप भी लगाया। उफजाऊ भूमि की दीवारें नष्ट कर दी हैं। खेत बंजर हो गए हैं। बिजली के पोल लटका दिए हैं। तार हरे पेड़ों में बांध दिए हैं। गांव को आपदाग्रस्त बना दिया गया है। उन्होंने सारीखेत तोक में जिला योजना से स्वीकृत पुल तथा सड़क को निरस्त करने की मांग की। ऐसा नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी दी। इस दौरान सरपंच लीला देवी, गोविंद सिंह, मनोज राठौर, रमेश सिंह, चंदन सिंह, भरत राौर, कैलाश बोरा, मनोज सिंह, प्रमोद मेहता आदि उपस्थित थे।



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