सीएनई रिपोर्टर, सुयालबाड़ी। एक लाख रुपये मासिक से अधिक खर्च करने के बावजूद जवाहर नवोदय विद्यालय गंगरकोट सुयलाबाड़ी पेयजल संकट को झेल रहा है। आए दिन पानी की किल्लत के चलते यहां अध्यनरत 500 छात्र—छात्राओं व 200 लोगों का स्टॉफ को अपने दैनिक कार्य निपटाने में खासी समस्याओं को झेलना पड़ता है।
उल्लेखनीय है कि जवाहर नवोदय विद्यालय सुयालबाड़ी यहां अल्मोड़ा—हल्द्वानी हाईवे पर गंगरकोट व सुयालबाड़ी के निकट स्थित है। आदर्श शैक्षिक वातावरण प्रदान करने वाला यह एक आवासीय विद्यालय है। जहां 500 के लगभग छात्र—छात्राएं व 200 का विद्यालय स्टॉफ है। विद्यालय शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार के अधीन नवोदय विद्यालय समिति द्वारा संचालित है। यहां अध्ययनरत सभी विद्यार्थियों को भारत सरकार द्वारा निःशुल्क शिक्षा व समस्त सुविधायें प्रदान की जाती हैं।
विद्यालय में पानी से संबंधित समस्याएं
पंपिंग लाइन की मोटर खराब
विद्यालय में कोसी नदी से पानी की पंपिंग पाईप लाइन की मोटर खराब होने के कारण विगत 15 जून 2024 से विद्यालय में पानी की आपूर्ति नहीं हो पा रही है।
नियमित रूप से पेयजल आपूर्ति नहीं
मनर्सा गंगोरी पेयजल योजना के अंतर्गत विद्यालय को नियमित रूप से पीने के पानी की आपूर्ति नहीं की जा रही है।
स्वीकृत पाइप लाइन का संयोजन अधर में
जल जीवन मिशन योजना के अंतर्गत विद्यालय को पीने के पानी की आपूर्ति के लिए कासिन गाड़ से कोसी नदी के पंप हाउस तक स्वीकृत पाईप लाइन का संयोजन आज तक नहीं हो पाया है।
प्राचार्य ने डीएम को भेजा ज्ञापन
विद्यालय के प्राचार्य पूरन चंद्र उपाध्याय ने डीएम को संबोधित एक ज्ञापन भेजा है। जिसकी प्रतिलिपि एसडीएम विपिन चंद्र पंत व संबंधित विभाग के अधिशासी अभियंता को भी दी गई है।
ज्ञापन में कहा गया है कि यहां कोसी नदी से पानी की आपूर्ति की जाती है। पानी का पंप जो कोसी नदी से पानी टैंक तक पानी सप्लाई करता है विगत 15 जून 2024 से खराब चल रहा है। जिस कारण पानी की आपूर्ति बाधित हो गई है। कई बार सूचित किए जाने के बावजूद आज तक समस्या का समाधान नहीं हो पाया है।
उन्होंने कहा कि विद्यालय ग्रीष्मावकाश के बाद 28 जून 2024 से पुनः शुरू हो चुका है। उत्तराखण्ड जल संस्थान नैनीताल के अधिकारियों द्वारा बार-बार पुरानी मोटर को रिपेयर करके लगाने का प्रयास किया जाता है जो कि आये दिन खराब हो जाती है। जिससे विद्यालय में पीने के पानी की व्यवस्था आये दिन खराब होती रहती है। साथ ही विद्यालय में अध्ययनरत विद्यार्थी व समस्त स्टाफ परिवार सदस्यों की दैनिक दिनचर्या एवं विद्यालय के समस्त कार्य बाधित होते रहते हैं।
हर माह एक लाख बिल का भुगतान
प्राचार्य ने डीएम को बताया है कि कोसी नदी से विद्यालय को की जाने वाली दूषित पानी की आपूर्ति के लिए विद्यालय प्रतिमाह एक लाख रूपये लगभग के बिल का नियमित रूप से भुगतान कर रहा है। जिसके बावजूद भी विद्यालय को नियमित रूप से मनर्सा गंगोरी पेयजल योजना से पीने के पानी की आपूर्ति नही हो रही है।
उन्होंने डीएम से आग्रह किया कि उक्त पंप हाउस के लिए नई मोटर एवं नये बिजली के पैनल की व्यवस्था जल संस्थान नैनीताल के अधिकारियों के माध्यम से करवाना सुनिश्चित करा जाये, ताकि सुचारूपूर्वक पानी की आपूर्ति की जा सके।
अनुरोध किया कि मनर्सा गंगोरी पेयजल योजना के अंतर्गत् विद्यालय को प्राप्त होने वाले पीने के पानी की आपूर्ति नियमित रूप से करने की व्यवस्था की जाये। यह भी आग्रह किया कि इस विद्यालय के लिए अलग से एक इंच पानी की पाइपलाइन का संयोजन कराया जाये।
प्राचार्य ने कहा कि विद्यालय को भारत सरकार अथवा राज्य सरकार द्वारा जल जीवन मिशन योजना से जोड़कर पानी की आपूर्ति करने के लिए विगत 01 वर्ष से स्वीकृति प्रदान की गई है। इसके बावजूद जल संस्थान द्वारा आज तक भी उक्त योजना का लाभ विद्यालय के लिए सुनिश्चित नहीं किया है। जबकि उक्त योजना के अंतर्गत् विगत 08 माह पूर्व पानी की आपूर्ति के लिए पाइप लाइन की व्यवस्था की जा चुकी है। फिर भी उक्त पाइप लाइन का संयोजन नियमानुसार न होने के कारण विद्यालय को पीने के पानी की आपूर्ति नहीं की जा रही है।
अनुरोध किया कि जल जीवन मिशन योजना के अंतर्गत स्वीकृत पीने के पानी के लिए पाइप लाइन का कोसी नदी तक नियमानुसार संयोजन की व्यवस्था जल संस्थान नैनीताल के अधिकारियों के माध्यम से करके विद्यालय को शीघ्रातिशीघ्र पीने के पानी की आपूर्ति सुनिश्चित की जाये।
समस्या का होगा त्वरित समाधान : एसडीएम
एसडीएम विपिन चंद्र पंत ने बताया कि विद्यालय में पानी की समस्या का जल्द निस्तारण कर दिया जायेगा। इस विषय में संबंधितों को उन्होंने निर्देशित कर दिया है।
नई मोटर लगाई जायेगी, अतिशीघ्र समस्या का होगा समाधान : गंगोला
जल संस्थान के जेई सुभाष गंगोला ने कहा कि अतिशीघ्र लाइन को ठीक कर देंगे। नई मोटर मंगवा दी गई है। उन्होंने बताया कि कासिम गाड़ का पानी विद्यालय में नियमित रूप से सप्लाई हो रहा है।