बागेश्वर: सरयू में खतरा बनी झील खोली, राहत में तहसील प्रशासन

✍️ 03 दिन से बनी थी, पोकलैंड मशीन से बमुश्किल मलबा हटाकर खोली सीएनई रिपोर्टर, बागेश्वर: कपकोट तहसील अंतर्गत भद्रतुंगा में पिछले तीन दिनों से…

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✍️ 03 दिन से बनी थी, पोकलैंड मशीन से बमुश्किल मलबा हटाकर खोली

सीएनई रिपोर्टर, बागेश्वर: कपकोट तहसील अंतर्गत भद्रतुंगा में पिछले तीन दिनों से सरयू नदी पर बन रही झील मंगलवार को खोल दी गई है। जो खतरा बन रही थी। इस झील से बना खतरा टलने के बाद तहसील प्रशासन ने राहत की सांस ली है। गौरतलब है कि भूस्खलन तथा भूकंप की दृष्टि से जोन पांच में आता है। जिस तरह से वहां हिमालय की जड़ तक सड़कें खोदी जा रही हैं। आने वाला समय विनाशकारी हो सकता है।

वर्षा ऋतु तथा रेड अलर्ट ने तहसील प्रशासन की नींद खराब की है। वहीं भद्रतुंगा के समीप सरयू नदी में बनी झील को खोलने में पसीना छूट गया है। मंगलवार को सुबह चार बजे से पोकलैंड मशीन से नदी में बनी झील को खोलने का प्रयास किया गया। अपराह्न तक पानी की निकासी कर दी गई है, लेकिन जिस तरह सड़क का मलबा नदी की तरफ गिर रहा है। उससे भविष्य में फिर झील बनने की संभावना से मना नहीं किया जा सकता है।
नदी को बनाया डंपिंग जोन

भद्रतुंगा में आस्था का प्राचीन शिव मंदिर भी है। जिस पर भी झील से खतरा बना हुआ है। दरअसल एक प्राइवेट कंपनी बिडकुल सड़क निर्माण कर रही है। डंपिंग जोन सरयू का बनाया हुआ है। प्रशासन भी इसकी सुध नहीं ले रहा है। गांव के लोग शिकायत कर थक गए हैं। पूर्व में भद्रतुंगा में लाखों रुपये से बने घाट को भी सड़क से नुकसान पहुंचा है।
विडकुल को ​किया है सचेत: एसडीएम

इस मामले में उप जिलाधिकारी कपकोट अनुराग आर्या ने कहा कि भद्रतुंगा में सरयू नदी में एक माह पूर्व भी झील बन गई थी। लोडर मशीन लगाकर पानी की निकासी की गई। बिडकुल सड़क बना रही है। जिसका मलबा नदी की तरफ गिर रहा है। इस बीच फिर से 20 मीटर चौड़ी व 100 मीटर लंबी झील बन गई थी। जिसे पोकलैड मशीन लगाकर खोल दिया गया है। बिडकुल को सख्त दिशा-निर्देश दिए गए हैं। दुबारा झील बनने पर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।


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