नई दिल्ली | पब्लिक ब्रॉडकास्टर दूरदर्शन ने अंग्रेजी चैनल डीडी न्यूज के लोगो का रंग लाल से बदलकर नारंगी कर दिया है। इस पर तृणमूल कांग्रेस (TMC) के राज्यसभा सांसद और प्रसार भारती के पूर्व CEO जवाहर सरकार ने कहा कि दूरदर्शन का भगवाकरण हो गया है। अब ये प्रसार भारती नहीं, प्रचार भारती हो गया है।
16 अप्रैल को दूरदर्शन ने सोशल मीडिया X पर नया प्रमोशनल वीडियो शेयर किया। इसके कैप्शन में लिखा- हालांकि हमारे मूल्य वही हैं, अब हम एक नए अवतार में उपलब्ध हैं। ऐसी समाचार यात्रा के लिए तैयार हो जाएं जो पहले कभी नहीं देखी गई। बिल्कुल नए डीडी न्यूज का अनुभव करें। डीडी न्यूज – भरोसा सच का।
वहीं UPA सरकार में सूचना एवं प्रसारण मंत्री रह चुके कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा- दूरदर्शन के लोगो का रंग बदलना सरकारी संस्थानों पर कब्जा करने का सरकार का प्रयास है। ऐसे कदम देश के पब्लिक ब्रॉडकास्टर की विश्वसनीयता को कमजोर करते हैं।
एक धर्म और RSS के रंग के साथ वोटर्स को प्रभावित किया जाएगा
जवाहर सरकार ने एक वीडियो जारी कर कहा- चुनाव से ठीक पहले प्रसार भारती के पूर्व CEO के रूप में दूरदर्शन के लोगो का भगवाकरण देखकर दुख होता है। एक तटस्थ पब्लिक ब्रॉडकास्टर अब पक्षपाती सरकार के साथ एक धर्म और संघ (RSS) परिवार के रंग को शामिल करके मतदाताओं को प्रभावित करेगा। सरकार ने कहा- मैं यह महसूस कर रहा हूं कि यह अब प्रसार भारती नहीं है, यह प्रचार भारती है। सरकार ने इसे आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन भी बताया है। सरकार साल 2012 से साल 2016 तक दूरदर्शन और ऑल इंडिया रेडियो की देखरेख करने वाली संस्था प्रसार भारती के CEO रह चुके हैं।
As ex CEO of Prasar Bharati it hurts to see the saffronisation of Doordarshan’s logo
— just before elections!
It will influence voters, by overlaying the colour one religion and Sangh parivar colour with a ‘neutral’ Public Broadcaster and a biassed Govt/Regime! pic.twitter.com/g7m0PH9nMf— Jawhar Sircar (@jawharsircar) April 20, 2024
प्रसार भारती के CEO बोले- रंग नारंगी है, भगवा नहीं
प्रसार भारती के वर्तमान CEO गौरव द्विवेदी ने द इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में कहा- लोगो का रंग नारंगी है न कि भगवा। सिर्फ लोगो में ही बदलाव नहीं हुआ है, बल्कि हमने डीडी के पूरे लुक और फील को अपग्रेड किया गया है। दुर्भाग्यपूर्ण है कि लोग इस बारे में अर्नगल टिप्पणी कर रहे हैं। हम पिछले छह-आठ महीने से डीडी के लुक और फील को बदलने पर काम कर रहे थे।
While our values remain the same, we are now available in a new avatar. Get ready for a news journey like never before.. Experience the all-new DD News!
We have the courage to put:
Accuracy over speed
Facts over claims
Truth over sensationalismBecause if it is on DD News, it… pic.twitter.com/YH230pGBKs
— DD News (@DDNewslive) April 16, 2024
भाजपा नेता बोले- कांग्रेसी भगवा और हिंदुओं से घृणा करते हैं
उत्तर प्रदेश के डिप्टी CM केशव प्रसाद मौर्य ने कहा- भगवा से इतनी नफरत है इन लोगों को। भगवा रंग का आनंद ये लोग नहीं ले सकते। ये लोग सिर्फ तुष्टिकरण करने वाले लोग है। वहीं आंध्र प्रदेश भाजपा के उपाध्यक्ष ने कहा- जब दूरदर्शन 1959 में लॉन्च किया गया था, तो इसका लोगो भगवा था। सरकार ने मूल लोगो को ही अपनाया है, तो लिबरल्स और कांग्रेस नाराजगी जता रहे हैं। यह स्पष्ट करता है कि वे भगवा और हिंदुओं के प्रति घृणा रखते हैं।
1959 में हुई थी दूरदर्शन की शुरुआत
दूरदर्शन की शुरुआत 15 सितंबर, 1959 में इंडियन टेलीविजन के रूप में हुई थी। पहले ये आकाशवाणी का ही हिस्सा था, लेकिन बाद में उससे अलग हो गया। यूनेस्को की मदद से शुरुआत में दूरदर्शन पर हफ्ते में दो दिन केवल एक-एक घंटे के कार्यक्रम प्रसारित होते थे। इनका उद्देश्य नागरिकों को जागरूक करना होता था। 1965 में इसका रोजाना प्रसारण शुरू हुआ। समाचार आने लगे। फिर कृषि दर्शन आया, जो आज भी दूरदर्शन के अलग-अलग चैनलों पर प्रसारित होता है। चित्रहार पर फिल्मी गाने प्रसारित होते थे।
डीडी की सर्विस 1975 तक मुंबई, अमृतसर और अन्य शहरों तक बढ़ा दी गई। 1 अप्रैल 1976 को यह सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अधीन आ गया और 1982 में नेशनल ब्रॉडकास्टर बन गया। 80 के दशक में दूरदर्शन घर-घर में छा गया। दूरदर्शन पर प्रसारित पहला सीरियल हम लोग था। इसके बाद इस पर प्रसारित होने वाले रामायण और महाभारत जैसे पौराणिक सीरियलों ने जबर्दस्त लोकप्रियता हासिल की। इन दोनों सीरियल के प्रसारण के समय देश में सड़कें वीरान हो जाया करती थीं। फिलहाल दूरदर्शन 6 नेशनल और 17 रीजनल चैनल ब्रॉडकास्ट करता है।
दूरदर्शन का इतिहास
1959: 15 सितंबर को दिल्ली में टेलीविजन इंडिया नाम से प्रयोगात्मक प्रसारण शुरू हुआ।
1965: 23 अप्रैल को नियमित प्रसारण दिल्ली से शुरू हुआ।
1972: मुंबई में प्रसारण शुरू हुआ।
1982: एशियाई खेलों के दौरान पूरे भारत में रंगीन प्रसारण शुरू हुआ।
1984: राष्ट्रीय चैनलों के अलावा क्षेत्रीय चैनलों की शुरुआत।
1991: उपग्रह (सैटेलाइट) प्रसारण शुरू हुआ।
1995: निजी चैनलों को प्रसारण की अनुमति दी गई।
2000: डीडी डायरेक्ट+ (डीटीएच सेवा) शुरू हुई।
2002: डीडी न्यूज 24/7 प्रसारण करने वाला पहला भारतीय समाचार चैनल बना।
2017: डीडी नेशनल और डीडी न्यूज एचडी में प्रसारण शुरू हुआ।