UPSC में चमके उत्तराखंड के सितारे, पूर्व DGP की बेटी कुहू गर्ग का IPS में चयन

उत्तराखण्ड के पूर्व DGP अशोक कुमार की बेटी कुहू गर्ग का आईपीएस में चयन UPSC Final Result | संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा…

UPSC में चमके उत्तराखंड के सितारे, पूर्व DGP की बेटी कुहू गर्ग का IPS में चयन

उत्तराखण्ड के पूर्व DGP अशोक कुमार की बेटी कुहू गर्ग का आईपीएस में चयन

UPSC Final Result | संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा परीक्षा (यूपीएससी) का फाइनल रिजल्ट मंगलवार को जारी किया गया। हर बार की तरह इस बार भी उत्तराखंड के सितारों ने अपनी चमक बिखेरी है। तमाम चुनौतियों और अड़चनों को पारकर उत्तराखंड के होनहारों ने अपनी कामयाबी का लोहा मनवाया। अंतरराष्ट्रीय बैडमिंटन खिलाड़ी व पूर्व डीजीपी अशोक कुमार की बेटी कुहू गर्ग ने 178वीं रैंक हासिल की है। इसके साथ ही कुहू ने खेल के मैदान से यूपीएससी तक का सफर तय कर लिया है।

कुहू ने स्कूली शिक्षा देहरादून के एक निजी विद्यालय से पूरी की है। स्नातक की पढ़ाई उन्होंने दिल्ली के एसआरसीसी कॉलेज से की है। यूपीएससी से पहले अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी कुहू ने एशियाई चैंपियनशिप के साथ ही ओपन कैटेगरी के कई मेडल अपने नाम कर देश का नाम रोशन किया है। उन्होंने बैडमिंटन खिलाड़ी चिराग सेन के साथ मिलकर भी कई पदक जीते हैं। उनके पिता अशोक कुमार उत्तराखंड कॉडर के आईपीएस रहे हैं। जबकि मां डॉ. अलकनंदा अशोक पंतनगर विवि में डीन हैं। कुहू ने अपने खेल से 34वीं श्रेष्ठ वर्ल्ड रैंकिंग के साथ देश की नंबर वन रैंक भी हासिल की है। उनके खाते में 19 अंतरराष्ट्रीय व 56 नेशनल मैडल भी हैं।

वहीं, दून निवासी अंशुल भट्ट ने 22वीं रैंक हासिल कर प्रदेश का नाम रोशन किया है। दून के ही दीपेश सिंह ने 86वीं रैंक लाई है। देहरादून जिले में एसडीआरएफ में बतौर डिप्टी कमांडेंट विजेंद्र डोभाल के बेटे तुषार डोभाल ने भी यूपीएससी में 284वीं रैंक हासिल कर उत्तराखंड का मान बढ़ाया है। नौगांव उत्तरकाशी के मौराड़ी गांव निवासी रोमेल बिजल्वाण ने भी यूपीएससी परीक्षा में 353वीं रैंक हासिल प्रदेश का नाम रोशन किया है।

डिप्टी कमांडेंट के बेटे तुषार ने पाई 284वीं रैंक

एसडीआरएफ में बतौर डिप्टी कमांडेंट विजेंद्र डोभाल के बेटे तुषार डोभाल ने भी यूपीएससी में 284वीं रैंक हासिल कर उत्तराखंड का मान बढ़ाया है। मूल रूप से टिहरी गढ़वाल के मरोड़ गांव के रहने वाले तुषार की शुरुआती पढ़ाई वाराणसी के एक निजी विद्यालय से हुई है। थापर इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी से उन्होंने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग की बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग की। इसके लिए उनको छात्रवृत्ति भी मिली। अब यूपीएससी पास कर वे इंडियन रेवन्यू सर्विस में जाएंगे।

पहले प्रयास में रोमेल ने पास की यूपीएससी

उत्तरकाशी के नौगांव के मौराड़ी गांव निवासी रोमेल बिजल्वाण ने यूपीएससी परीक्षा में 353वीं रैंक हासिल की है। दून के द्रोणपुरी निवासी रोमेल ने पहले प्रयास में यह परीक्षा पास कर प्रदेश का मान बढ़ाया है। इसके साथ ही वह यमुना घाटी के पहले व्यक्ति बन गए हैं, जिन्होंने यह परीक्षा पास की है। रोमेल ने 10वीं और 12वीं की पढ़ाई दून से ही की है। इन दोनों बोर्ड परीक्षा में भी उन्होंने 90 फीसदी से अधिक अंक हासिल किए थे। उनके पिता डॉ. राजीव बिजल्वाण ग्रामीण विकास संस्थान स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय के उप निदेशक हैं, जबकि मां सविता कोटियाल उत्तराखंड राज्य आयुर्वेदिक एवं यूनानी सेवा में चिकित्सा अधिकारी हैं। रोमेल ने पंत नगर विश्वविद्यालय से बीटेक की पढ़ाई पूरी की।

तीसरे प्रयास में अदिति तोमर ने पास की यूपीएससी परीक्षा

हरिद्वार की बेटी अदिति तोमर ने धर्मनगरी का मान बढ़ाया है। तोमर ने तीसरे प्रयास में यूपीएससी की परीक्षा पास की है। परीक्षा में उसने 247 रैंक हासिल की है। इससे परिजनों और शहर के लोगों में खुशी का माहौल है। लोग अदिति को शुभकामनाएं देने के लिए उनके घर पहुंच रहे हैं।

श्याम विहार कॉलोनी कनखल निवासी अदिति ने डीपीएस से दसवीं और इंटर की परीक्षा उत्तीर्ण कीं। इसके बाद उसने कंप्यूटर साइंस की पढ़ाई पूरी करने के बाद बंगलूरू में एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी शुरू की। वह नौकरी के साथ-साथ यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी भी कर रही थीं। इससे पहले भी वह दो बार परीक्षा दी चुकी थीं, लेकिन सफलता नहीं मिली थी। उन्होंने तीसरी बार परीक्षा में अदिति बाजी मारी।

अदिति ने बताया कि वह नौकरी करते समय आठ से नौ घंटे नियमित रूप से पढ़ाई करती थीं, कोई कोचिंग नहीं है। बिना कोचिंग के सीमित किताबों से तैयारी की। बताया कि उनके भाई उत्कर्ष तोमर ने भी 2020 में यूपीएससी की परीक्षा उत्तीर्ण की थी। वे वर्तमान में लक्ष्यद्वीप में असिस्टेंट कमिश्नगर ऑफ पुलिस हैं। उन्हें भाई से प्रेरित होकर यूपीएससी की परीक्षा देने की प्रेरणा मिली।

बताया कि लक्ष्य को हासिल करने के लिए सोशल मीडिया के प्लेटफॉर्म जैसे, इंस्टाग्राम, फेसबुक, ट्विटर से पूरी तरह से दूरी बनाकर रखी। स्मार्ट फोन भी तीन साल तक अपने पास नहीं रखा। केवल लैपटॉप पर यूट्यूब से परीक्षा की जानकारी हासिल की। उन्होंने कहा कि उनका मकसद महिलाओं और बच्चों के जीवन में बदलाव लाना है, ताकि महिलाएं सशक्त और बच्चों का भविष्य संवर सकें। अदिति की माता शशि प्रभा महिला महाविद्यालय सतीकुंड कनखल में प्रोफेसर हैं। पिता तेजवीर सिंह तोमर भी एसएमजेएन कॉलेज में प्रोफेसर हैं। बेटे के बाद बेटी की सफतला से माता-पिता को नाज है।

रिखाड़ी गांव में खुशी की लहर, राजेश ने यूपीएससी परीक्षा में पाई सफलता

बागेश्वर के रिखाड़ी गांव में धुरकोट तोक निवासी राजेश कुमार ने यूपीएससी परीक्षा उत्तीर्ण की है। चयन वरीयता सूची में उनकी रेंक 988 हैं। उनके गांव में खुशी दौड़ गई है। बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है। मिष्ठान वितरित भी किया गया।

राकेश ने बताया कि सरस्वती शिशु मंदिर चौरासी से वर्ष 2007 में पांचवीं पास की। वहां से जवाहर नवोदय विद्यालय सिमार के लिए चयन हुआ। कक्षा छह से 12 वीं की परीक्षा नवोदय से उत्तीर्ण की। वर्ष 2014 में हाईस्कूल में 93 प्रतिशत अंक प्राप्त किए, जबकि इंटर में 95 अंकों के साथ वह जिला टापर रहे। एनआइटी भोपाल से सिविल इंजीनियर के लिए बीटेक किया। वहां से आइएमए मुंबई में ई-कामर्स वेंडर मैनेजर के पद पर नियुक्ति मिली। फरवरी 2022 में नौकरी छोड़ दी। यूपीएससी की तैयारी के लिए वह गांव पहुंच गए। दृष्टि से आनलाइन कोर्स लिया। कहा कि हिंदी साहित्य में उनकी रूचि थी। समाज के लिए वह काम करना चाहते थे।

राजेश के पिता मोहन राम आर्य एलआइसी के अभिकर्ता हैं। वह भारतीय जीवन बीमा निगम बागेश्वर के अध्यक्ष क्लब सदस्य भी हैं। माता पूर्व प्रधान शांति देवी गृहणी हैं। उन्होंने कहा कि माता-पिता, मित्रगण के अलावा दादा-दादी स्व. रूप राम तथा पार्वती देवी को उनकी कामयाबी का श्रेय जाता है। उनकी इस उपलब्धि पर जवाहर नवोदय विद्यालय के प्राचार्य के के पाठक, सरस्वती शिशु मंदिर के प्रबंधक इंद्र सिंह फर्स्वाण, बसंत लाल वर्मा, पूर्व प्रधानाचार्य रणजीत सिंह भंडारी आदि ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए बधाई दी।


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