➡️ तीन दिन की समय-सीमा थी और हफ्तेभर में भी कुछ नहीं हुआ
सीएनई रिपोर्टर, बागेश्वर
जिलाधिकारी से वार्ता हुई थी और निर्णय लेने के लिये 03 दिन का वक्त मांगा। इससे आंदोलन स्थगित हुआ। मगर 03 दिन के आगे एक सप्ताह हो गया। फिर भी कुछ नहीं होते देख खफा जिला पंचायत सदस्य आंदोलन पर उतर गये हैं।
मालूम हो डीएम से वार्ता के बाद विगत 1 नवंबर को नाराज जिला पंचायत सदस्यों ने अपना प्रस्तावित आंदोलन स्थगित कर दिया था। अब अनसुनी का आभास होते ही खफा जिला पंचायत सदस्यों ने पुनः आंदोलन शुरू कर दिया है। गत बुधवार से धरने पर बैठ गये हैं।
उन्होंने जिलाधिकारी पर सदस्यों की भावनाओ को आहत करने का आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने 3 दिन का समय मांगा था, लेकिन एक सप्ताह गुजर जाने के बाद भी कोई निर्णय नहीं देने पर उन्हें मजबूरन पुनः आंदोलन शुरू करना पड़ा। कहा कि अब एक मात्र रास्ता न्यायालय की शरण में जाना है।
जिला पंचायत में बजट आवंटन को लेकर चल रहा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। बजट आवंटन व्यवस्था ठीक करने तथा सदन में महिला सदस्यों के साथ कोतवाल द्वारा की गई अभद्रता में कार्रवाई की मांग को लेकर जिपं उपाध्यक्ष समेत विपक्षी सदस्यों ने अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि जब तक उन्हें न्याय नहीं मिलेगा वह यहां से नहीं हटेंगे।
मालूम हो कि जिला पंचायत में बजट आवंटन को लेकर लंबे समय से घमासान चल रहा है। पहले भी इस मामले में 74 दिन का आंदोलन चला। इसके बाद भी समस्या जस की तस बनी हुई है। विपक्षी सदस्यों ने बुधवार को एक बार फिर धरना शुरू कर दिया है। यहां हुई सभा में वक्ताओं ने कहा कि 21 अक्तूबर की जिला पंचायत की बैठक में गलत बजट आवंटन हुआ है। आरोप दोहराया कि बैठक के बाद महिला सदस्यों के साथ कोतवाल ने अभद्रता की है।
इस समस्या के समाधान को लेकर उन्होंने जिले की डीएम अनुराधा पाल से भी मुलाकात की थी। उन्होंने 3 दिन का समय दिया था, अब वह समय सीमा भी समाप्त हो गयी और उन्हें कोई न्याय नहीं मिला। अब उनके पास आंदोलन के अलावा कोई दूसरा चारा नहीं है। तब तक बजट आवंटन में मनमानी दूर नहीं होती तथा महिला सदस्यों से अभद्रता करने वाले कोतवाल के खिलाफ कार्रवाई नहीं होगी तब तक उनका धरना और आंदोलन जारी रहेगा।
इस मौके पर जिला पंचायत उपाध्यक्ष नवीन परिहार, जिपं सदस्य हरीश ऐठानी, पूजा आर्या, गोपा धपोला, इंद्रा परिहार, सुरेश खेतवाल, रूपा कोरंगा तथा रेखा देवी आदि मौजूद रहे।