एक तो बारिश की दुश्वारियां, ऊपर से टैक्सी चालक वसूल रहे मनमाना किराया

⏩ अल्मोड़ा-हल्द्वानी रूट पर चलने वाले यात्री परेशान
⏩ टैक्सी चालकों पर लगाया मनमाना किराया वसूलने का आरोप
सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा/हल्द्वानी
आपदा के दौरान जहां आवश्यकीय कार्यों से पहाड़ जाने वाले यात्री लगातार हो रही बारिश के दौरान बार-बार अवरूद्ध हो रहे मार्ग व घंटों लग रहे जामों से परेशान हैं, वहीं इन विपरीत हालातों में टैक्सी चालक मनमानी पर उतर आये हैं। आरोप है कि अल्मोड़ा-हल्द्वानी रूट पर चलने वाले यात्रियों से मनमर्जी का किराया वसूला जा रहा है।
उल्लेखनीय है पिछले तीन रोज से लगातार हो रही बारिश के चलते अल्मोड़ा-हल्द्वानी हाईवे पर लगातार भूस्खलन हो रहा है। कई स्थानों पर मलबा आने से रूट डायवर्ट भी करने की नौबत आ रही है। गेठिया के पास भी मलबा आने से मार्ग बंद है। नथुवाखान वाला रूट भी बंद कर दिया गया है। ऐसा ही कई अन्य स्थानों पर हो रहा है। लिहाजा, आज वाहन खैरना से वाया रानीखेत होते हुए अल्मोड़ा आ रहे हैं। अल्मोड़ा पहुंचे यात्रियों का कहना है कि उनसे आल्टो टैक्सी चालक मजबूरी का लाभ उठाते हुए मनमाना किराया वसूल रहे हैं। पुलिस व प्रशासन की ओर से कोई हस्तक्षेप नहीं किये जाने से टैक्सी चालक लूट-खसोट पर आमादा है। एक यात्री ने आरोप लगाया कि उनसे हल्द्वानी से अल्मोड़ा तक वाया रानीखेत आने के 700 रूपये ले लिये गये। ऐसा ही आरोप कई यात्री लगा रहे हैं।
बता दें कि अल्मोड़ा से हल्द्वानी का किराया आल्टो टैक्सी में 350 रूपया टैक्सी यूनियनों की ओर से तय किया गया है। सामान्य दिनों में भी कई टैक्सी चालक 400-400 रूपये वसूल लिया करते हैं। इन दिनों बारिश के चलते जिससे से जितना बन पड़ा टैक्सी चालकों द्वारा किराया ले लिया जा रहा है। समझने वाली बात यह है कि प्रशासन की ओर से रूट डायवर्ट की घोषणा तो कर दी जाती है, लेकिन यात्रियों से नए रूट पर लिया जाने वाला किराया तय नहीं होता। जिसका लाभ उठाकर टैक्सी चालकों द्वारा अकसर मनमानी की जाती है। परेशान यात्रियों का कहना है कि यदि रूट डायवर्ट किया जाता है तो प्रशासन टैक्सी वाहनों का भी किराया सार्वजनिक करें, जिससे यात्रियों को लूट-खसोट का सामना नहीं करना पड़े। साथ ही निर्धारित से अधिक किराया वसूलने वाले टैक्सी चालकों पर लाइसेंस निरस्तीकरण सहित अन्य कड़ी कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए।
यहां यह भी उल्लेखनीय है कि हल्द्वानी से अल्मोड़ा के अलावा बागेश्वर, चंपावत, पिथौरागढ़, रानीखेत, नैनीताल आदि तमाम पर्वतीय जनपदों के लिए छोटे वाहन टैक्सी के रूप चलते हैं। समय-समय पर इन टैक्सी चालकों पर यात्रियों की मजबूरी का लाभ उठाकर उनसे मनमाना किराया वसूलने के आरोप लगते रहे हैं। इसके बावजूद आज तक प्रशासन स्तर पर कोई भी कार्रवाई ऐसे टैक्सी चालकों के विरूद्ध नहीं की जाती है। यहां तक देखने में आया है कि कुछ टैक्सी चालक पहले सामान्य किराये की बात करते हैं, लेकिन गंतव्य तक पहुंचने पर पूर्व में तय किराये से अधिक की मांग करने लगते हैं। यात्री द्वारा मना करने पर उनके साथ अभद्रता किए जाने के मामले भी प्रकाश में आये हैं।