उत्तराखंड की धामी सरकार ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए बजट का पिटारा खोल दिया है। वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने मंगलवार को विधानसभा के सदन में 63 हज़ार करोड़ का बजट पेश किया। मार्च में नई सरकार के गठन के बाद 3 माह के लिए धामी सरकार लेखानुदान लेकर आई थी। बजट में सरकार ने ख़र्च कम करने और आय के संसाधन बढ़ाने का संकल्प दोहराया है।
वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने बताया कि केंद्र पोषित और बाह्य सहायतित योजनाओं को तेजी से लागू किया जाएगा। इसके साथ ही 1 हजार 930 करोड़ की योजना से टिहरी झील का विकास किया जाएगा। साथ ही ग्रामीण महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने पर कार्य किया जाएगा। वित्त मंत्री ने बताया कि 1 हजार 750 की लागत से देहरादून से मसूरी परियोजना की भारत सरकार से स्वीकृति मिल गई है।
वहीं, 2 हजार 812 करोड़ की अर्बन योजना की भी स्वीकृति मिल गई है। केंद्र सरकार ने स्वच्छ पेयजल के लिए जायका के माध्यम से 1 हजार 600 करोड़ की योजना को स्वीकृति दे दी है। इसके अलावा 14 हजार 387 करोड़ की वाह्य सहायतित योजना की भी सौगात केंद्र ने उत्तराखंड को दी है।
बजट की प्रमुख बातें – धामी सरकार ने जनता को दी ये बड़ी सौगत,
⏩ मुख्यमंत्री सीमांत क्षेत्र विकास योजना 20 करोड़
⏩ सामुदायिक फिटनेस उपकरण 10 करोड़
⏩ गौ सदनों के लिए 15 करोड़
⏩ मुख्यमंत्री एकीकृत बागवानी विकास योजना के लिए 17 करोड़
⏩ चाय विकास योजना के लिए 18.40 करोड़
⏩ मेरा गांव मेरी सड़क के लिए 14 करोड़
⏩ अटल उत्कर्ष विधालय के लिए 12.28 करोड़
⏩ सीपेट (CIPET) के लिए 10 करोड़
⏩ मुख्यमंत्री महिला स्वयं सहायता समूह के लिए 7 करोड़
⏩ ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य के लिए 6 करोड़
⏩ सीमांत क्षेत्र में शिक्षा के लिए पांच करोड़
⏩ पीएम फसल योजना के लिए चार करोड़
⏩ अटल आयुष्मान योजना के लिए 310 करोड़
⏩ मनरेगा के लिए 298 करोड़
⏩ पीएम आवास योजना के लिए 312 करोड़
⏩ स्मार्ट सिटी योजना के लिए 205 करोड़
⏩ दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना 105 करोड़
⏩ राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन 112 करोड़
⏩ वृद्धावस्था, निरा, विधवा, दिव्यांग, आर्थिक रूप से कमजोर ,किसान, परित्यागिता महिलाओं की पेंशन के लिए 15 करोड़
⏩ उत्तराखंड महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए 55 करोड़
⏩ पीएम कृषि सिंचाई योजना 43 करोड़
⏩ सामान्य, ओबीसी छात्रों की निशुल्क पुस्तकों के लिए 37 करोड़
⏩ श्यामा प्रसाद मुखर्जी अर्बन मिशन योजना के लिए 34 करोड़
⏩ राष्ट्रीय ग्रामीण स्वराज अभियान के लिए 30 करोड़
⏩ पलायन रोकथाम के लिए 25 करोड़
⏩ नंदा गौरा योजना के लिए 500 करोड़
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