देवभूमि उत्तराखंड के नैनीताल-अल्मोड़ा मार्ग पर कैंची धाम आश्रम की स्थापना सन् 1964 में हुई थी।
बाबा नीम करोली (कैंची धाम आश्रम) में होने वाले चमत्कारों की चर्चा दुनिया में भी होती है।
जीवन में निराशा को झेल रहे स्टीव जॉब्स (एप्पल के सीईओ) की किस्मत भी बाबा नीम करोली के आशीर्वाद से ही पलटी थी।
स्टीव जॉब्स तीन माह तक कैंची धाम आश्रम यानि बाबा के धाम में ही रहकर साधना करते रहे।
फेसबुक की स्थापना के बाद उसे आगे नहीं बढ़ा पाने की निराशा के बीच उसके संस्थापक मार्क जुकरबर्ग की जिंदगी में भी बदलाव बाबा नीम करोली के धाम में आने के बाद ही आया।
यहां तक की बाबा नीम करोली अपनी दैवीय ऊर्जा से अचानक ही कहीं भी भक्तों के बीच प्रकट हो जाते थे और फिर अचानक ही लुप्त भी हो जाते थे।
बाबा नीम करोली ने भंडारे में घी की कमी को नदी के पानी से ऐसे दूर किया कि कढाए पर पानी गिरते ही घी बन गया।
नीम करोली बाबा का 1973 में निधन हो गया था, लेकिन आश्रम में अब भी विदेशी तक आते रहते हैं।
बाबा नीम करोली श्रीराम का नाम जपने वाले बाबा थे, वहीं कई लोग इन्हें हनुमान का अवतार भी मानते हैं।